नई दिल्ली। अदाणी समूह ने निर्माणाधीन विझिंजम बंदरगाह पर केंद्रीय बलों की सुरक्षा की मांग के लिए केरल उच्च न्यायालय का रूख किया। समूह ने याचिका में तिरुवनंतपुरम में विझिंजम बंदरगाह पर निर्माण कार्य के दौरान केंद्रीय बलों को तैनात करने का निर्देश देने की मांग की है। हाल ही में उक्त स्थल पर हिंसक विरोध प्रदर्शनों के कारण काम रुक गया था। न्यायमूर्ति अनु शिवरामन ने विरोध प्रदर्शनों, काम में बाधा और नाकाबंदी के खिलाफ अदाणी समूह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य और केंद्र सरकारों से केंद्रीय बलों की तैनाती की संभावना पर चर्चा करने को कहा है।
अदालत ने राज्य और केंद्र सरकारों से अदाणी समूह की याचिका के संबंध में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी। इस बीच, राज्य सरकार ने अदालत को सूचित किया कि हिंसा के संबंध में बिशप सहित कई लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए और पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, अदाणी समूह की ओर से अदालत को बताया कि इस मामले के कई आरोपी, जिनमें एक खास संप्रदाय के कई पुजारी शामिल हैं, अभी भी विरोध स्थल पर मौजूद हैं।
पुलिस थाने पर किया गया था हमला
लैटिन कैथोलिक चर्च के नेतृत्व में आंदोलनकारियों की भीड़ ने अदाणी के बंदरगाह के निर्माण के विरोध में रविवार रात विझिंजम पुलिस थाने पर हमला कर दिया था। जिसमें कम से कम 29 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे और पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया था। भीड़ ने डंडों और ईंटों से पुलिस स्टेशन को निशाना बनाया था। अदाणी समूह के निर्माण स्थल पर 26 नवंबर को हिंसक विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने और अन्य को हिरासत में लेने के विरोध में पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया था।
3000 से ज्यादा पर केस दर्ज
विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा के मामले में तीन हजार से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। विशेष शाखा के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना में 29 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। उन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। प्रदर्शनकारियों ने मौके पर मौजूद मीडियाकर्मियों पर भी हमला किया। एक पत्रकार का कैमरा क्षतिग्रस्त कर दिया और उनका मोबाइल छीन लिया।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved