नई दिल्ली: अडानी-हिंडनबर्ग मामले में दायर जांच की मांग वाली याचिकाओं पर सोमवार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान बाजार नियामक SEBI की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वो सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट देंगे. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह खुली अदालत में रिपोर्ट नही दे सकते हैं.
वहीं केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि केंद्र सरकार अडानी हिंडनबर्ग मामले में कमेटी बनाने को तैयार हैं. नियामक तंत्र को मजबूत करने को लेकर विशेषज्ञ समिति स्थापित करने के प्रस्ताव पर कोई आपत्ति नहीं है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए बनाए जाने वालीइस कमेटी में कौन कौन शामिल होंगे, इसको लेकर केंद्र सरकार से गुरुवार तक रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
सॉलिसिटर जनरल शुक्रवार तक कोर्ट को बताएंगे कि कमेटी में कौन कौन से लोग शामिल होंगे. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट में अडानी हिंडनबर्ग मामले में पर होने वाली सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टल गई है. इससे पहले शुक्रवार यानी 10 फरवरी को हुई सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को भरोसा दिलाया था कि भारतीय निवेशकों के हितों कि रक्षा के लिए तंत्र तैयार किया जाएगा. इस पर वह जवाब देंगे और मौजूदा फ्रेमवर्क के तहत कदम उठाए गए हैं कि बाजार में स्थिरता आए.
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान वकील विशाल ने कहा था कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद निवेशकों का बड़ा नुकसान हुआ है. ऐसे में अदालत को हस्तक्षेप कर जांच कराई जानी चाहिए. एसजी तुषार मेहता ने कहा था कि मामले को सेबी देख रहा है. गौर करने वाली बात ये है कि भारतीय निवेशकों की रक्षा कैसे की जाए, जब एक कंपनी के शेयर शार्ट सेलिंग हो रहे हो.सीजेआई ने कहा कि यह बहुत छोटे पैमाने पर होता है शेयर बाजार में, लेकिन अखबारों में आई खबर अगर सही है तो भारतीय निवेशकों ने लाखों करोड़ रुपए गवां दिए.
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