नई दिल्ली। लोकसभा (Lok Sabha) में विपक्ष के नेता (Leader of the Opposition) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आरोप लगाया कि देश में ‘अडाणी बचाओ सिंडिकेट’ (Adani Bachao Syndicate) चल रहा है। कॉरपोरेट जगत में चर्चा है कि SEBI प्रमुख माधबी बुच, सरकार और प्रधानमंत्री को ब्लैकमेल कर रहीं हैं। राहुल ने सोमवार, 28 अक्टूबर को अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर 4 मिनट 39 सेकेंड का एक वीडियो क्लिप (टीजर) पोस्ट किया। इसमें वे कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा के साथ चर्चा में SEBI प्रमुख माधबी बुच के कथित हितों के टकराव के बारे में बात कर रहे हैं।
राहुल ने कहा, संस्थागत पतन ने अब भाई-भतीजावाद के अधिक खतरनाक स्वरूप ‘अडाणी बचाओ सिंडिकेट’ को जन्म दिया है। मौजूदा सरकार अब केवल एकाधिकार को बढ़ावा नहीं दे रही है, बल्कि सक्रिय रूप से देश की संपत्ति को कुछ लोगों के हाथों में केंद्रित कर रही है।
उन्होंने कहा कि माधबी बुच कांड जितना सोचा गया था, उससे कहीं अधिक गहरा है। हो सकता है कि खुदरा निवेशकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रही बुच अडाणी के हितों की रक्षा के लिए सिस्टम में हेरफेर कर रही हों।
10 अगस्त 2024 को अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ीं ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है। इससे पहले 24 जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट में गौतम अडाणी पर ग्रुप के शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए ऑफशोर फंड का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।
अडाणी ग्रुप ने आरोपों से इनकार किया, लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। इसके बाद SEBI को मामले की जांच सौंपी गई थी। SEBI ने जांच में अडाणी ग्रुप को क्लीन चिट दे दी। इसके बाद हिंडनबर्ग ने दावा किया कि माधबी और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ीं ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है।
SEBI अध्यक्ष की भूमिका शेयर बाजार की सुरक्षा बनाए रखना वीडियो में खेड़ा गांधी को बुच के खिलाफ हितों के टकराव के विभिन्न आरोपों और उनके पीछे काम करने वाली शक्तियों के बारे में समझाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
वीडियो साझा करते हुए पार्टी ने कहा कि SEBI अध्यक्ष की भूमिका शेयर बाजार की सुरक्षा बनाए रखना और यह सुनिश्चित करना है कि आम भारतीयों के निवेश को कोई जोखिम न हो।
अडाणी को क्लिन चिट दिलाने के लिए बुच को बिठाया गया उन्होंने कहा कि जब अध्यक्ष अडाणी समूह जैसे किसी एक खिलाड़ी को लाभ पहुंचाने के लिए बाजार में हेरफेर करने में शामिल होता है, तो सभी का पैसा जोखिम में होता है। माधबी बुच घोटाले में यही हो रहा है। उन्हें PM और गृहमंत्री ने अडाणी को स्टॉक हेराफेरी के आरोपों से क्लीन चिट दिलाने के लिए पद पर बिठाया है।
खेड़ा और राहुल की बातचीत के 3 पॉइंट…
1. खेड़ा बोले- बुच अनलिस्टेड कंपनियों के शेयर्स डील कर रही थीं पवन खेड़ा ने वीडियो में अपनी पड़ताल के आधार पर बताया- मुझे एक व्हिसलब्लोअर ने जानकारी दी है और उन्होंने बताया कि कैसे वो अनलिस्टेड कंपनियों के शेयर्स की डील कर रही थीं। ऐसा वह SEBI चेयरमैन होते हुए भी कर रही थीं और यह काफी अजीब था।
2. प्रेडिबल हेल्थ को सरकार स्टार्टअप फंड से पैसे देती है, बुच इसकी फाउंडर खेड़ा ने राहुल से कहा- आपने संसद में कुछ समय पहले सवाल उठाया था कि स्टार्टअप में सरकार ने किस-किस को फंड दिया है, उसमें एक कंपनी प्रेडिबल हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड थी। मैं फिलहाल उसी का उदाहरण दे रहा हूं कि प्रेडिबल हेल्थ को सरकार स्टार्टअप फंड से पैसे देती है। ध्यान देने वाली बात है कि उस कंपनी की फाउंडर मेंबर माधबी बुच हैं। वह स्टार्टअप से पैसा लेती हैं और 16 करोड़ रुपए ICICI बैंक से लेती थीं।
3. सुप्रीम कोर्ट ने SEBI से कमेटी बनाने के लिए कहा, इसमें बुच के करीबी लोग रखे गए खेड़ा ने राहुल से कहा- माधबी पुरी बुच को कोई तो बचा रहा है। ऊपर किसी को डरा रही हैं, इसलिए बच रही हैं। पूरा मामला अडाणी और हिंडनबर्ग तक जाता है। माधबी पुरी बुच ने एप्वॉइंटमेंट्स कमेटी ऑफ दि कैबिनेट (एसीसी) में नरेंद्र मोदी और अमित शाह को शामिल कर रखा है। सिर्फ उन्हें ही लेट्रल एंट्री में क्यों रखा है? हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जब आई तब हमें उससे जवाब मिला। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने SEBI से कमेटी बनाने के लिए कहा था पर जो लोग अडाणी और माधबी पुरी बुच के करीबी थे, वे उसमें रखे गए। उन्होंने अडाणी को क्लीन चिट दे दी।
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