मुंबई। मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (Mukesh Ambani’s Reliance Industries) ने गौतम अडाणी की अडाणी पावर (Gautam Adani’s Adani Power) से मध्यप्रदेश पावर प्रोजेक्ट में 26% हिस्सेदारी खरीदी है। इसके साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने प्लांट की 500 मेगावाट बिजली (इलेक्ट्रिसिटी) का खुद इस्तेमाल (कैप्टिव यूज) करने के लिए एक एग्रीमेंट साइन किया है। अडाणी की योजना 2030 तक विश्व के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक बनने है, जबकि मुकेश अंबानी गुजरात के जामनगर में 4 गिगाफैक्ट्रियों का निर्माण कर रहा है, जहां सोलर पैनल, बैटरी, ग्रीन हाइड्रोजन और फ्यूल सेल्स का उत्पादन किया जाएगा। जबकि, गौतम अडाणी भी सोलर मॉड्यूल्स, विंड टर्बाइन्स और हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइज़र के उत्पादन के लिए तीन गीगा फैक्ट्रीज लगा रहे हैं। एक और ऐसा क्षेत्र है, जहां दोनों के बीच कारोबारी टकराव देखने को मिल सकता था, लेकिन फिलहाल ऐसी संभावना नहीं दिखाई देती । दरअसल, अडाणी समूह ने पांचवीं पीढ़ी के 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में हिस्सा लेने के लिए आवेदन किया है।
इस समझौते के तहत इस प्लांट से उत्पादित होने वाली 500 एमडब्ल्यू बिजली के उपयोग के लिए एक समझौता किया है। इन दोनों अरबपतियों के बीच यह पहला मौका है जब दोनों ने किसी परियोजना में अपने लिए परस्पर सहयोगी की भूमिका चुनी है। मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने गौतम आदानी की मध्य प्रदेश पावर परियोजना में 26 प्रतिशत हिस्सा खरीदा है और प्लांट के 500 मेगावॉट बिजली के उपयोग के लिए 20 साल का समझौता किया है।
दोनों दिग्गज अपनी बेहतरीन कारोबारी रणनीतियों के बूते तेजी से देश दुनिया के कारोबारी जगत में आगे बढ़ रहे हैं। अडाणी अब हिंडनबर्ग झटके से पूरी तरह से उबर चुके हैं और नई संभावनाों की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। मुकेश अंबानी की दिलचस्पी पेट्रोलियम और गैस से लेकर खुदरा और दूरसंचार तक फैली हुई हैं जबकि, अडाणी का ध्यान समुद्री बंदरगाह से विमानतल तक, कोयला और खनन जैसे बुनियादी कारोबारों पर केंद्रित है। वे एक-दूसरे की राह में बहुत कम आते हैं, स्वच्छ ऊर्जा व्यवसाय को छोड़कर जहां दोनों ने अरबों डॉलर के निवेश करने की घोषणा की है।
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