मुंबई (mumbai) ! याद आता है वह 90 का दशक। इस दौर में बॉलीवुड में एक ऐसी अदाकारा की एंट्री हुई जिसने अपनी खूबसूरती और प्यारी सी हंसी (beauty and smile) से सबको अपना दीवाना बना दिया था। बॉलीवुड एक्ट्रेस नम्रता शिरोडकर (Namrata Shirodkar) का आज जन्मदिन हैं। बेशक करियर ग्राफ उनका बहुत लंबा नहीं रहा, लेकिन जितना रहा वह पूरी तरह सफल रहा। उस एक्ट्रेस का चेहरा आज भी कोई भूलना नहीं चाहता है। हम बात कर रहे हैं नम्रता शिरोडकर (Namrata Shirodkar) की। आज वे अपना 51वां जन्मदिन मना रही हैं।
नम्रता शिरोडकर का जन्म 22 जनवरी 1972 को एक मध्यम वर्गीय महाराष्ट्रीयन परिवार में हुआ था, लेकिन अपनी मेहनत के बूते उन्होंने अपने शुरुआती दिनों में ही सफलता हासिल करना शुरू कर दिया था। सन् 1993 में नम्रता ने मिस इंडिया का खिताब अपने नाम किया और इसके आगे मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में भाग लेने के दौरान वह पांचवें स्थान पर रहीं। उनकी बड़ी बहन शिल्पा शिरोडकर भी बॉलीवुड एक्ट्रेस रही हैं। वह जानी-मानी मराठी अभिनेत्री मीनाक्षी शिरोडकर की पोती हैं।
वैसे तो उनका एक्टिंग डेब्यू 1977 में ही शत्रुघ्न सिन्हा स्टारर फिल्म ‘शिरडी के साई बाबा’ से हो गया था। इसमें उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया था। मगर लीडिंग एक्टर के तौर पर उनकी पहली फिल्म थी सन् 1998 में सलमान खान की ‘जब प्यार किसी से होता है’ इसमें नम्रता शिरोडकर ने अपना एक्टिंग डेब्यू किया था। इस फिल्म में उनका रोल बेहद छोटा रहा, उनके लीड रोल वाली पहली फिल्म थी पूरब की लैला, पश्चिम का छैला। फिल्म में अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी उनके हीरो रहे पर फिल्म कभी रिलीज ही नहीं हो पाई।
फिल्म ‘वास्तव’ से मिली असली पहचान
आगे अपने करियर में उन्होंने ‘वास्तव’, ‘अस्तित्व’, ‘एलओसी कारगिल’, और ‘दिल विल प्यार व्यार’ समेत 25 फिल्मों में काम किया। वो आखिरी बार 2004 में आई फिल्म ‘रोक सको तो रोक लो’ में सनी देओल के साथ दिखाई दी थीं। इसके अलावा नम्रता ने पुकार, अस्तित्व, कच्चे धागे जैसी कई फिल्मों में काम किया। इन फिल्मों में नम्रता शिरोडकर ने गहरी छाप छोड़ी थी और बेहद कम वक्त में वह बॉलीवुड में जाना-माना नाम बन गई थीं। यहां से उनके जीवन में परिवर्तन भी देखने को मिला।
पहले जीवन में आए महेश मांजरेकर और फिर तेलुगू सुपरस्टार महेश बाबू
उन्हें उनकी जिंदगी में सफलता की हकीकत से कोई परिचित करोनवाला था तो वह फिल्म निर्देशक महेश मांजरेकर थे। इनसे मुलाकात के बाद जैसे नम्रता के करियर को सीधा रास्ता ही मिल गया था। उन्होंने फिल्म ‘वास्तव’ में नम्रता को मुख्य भूमिका में रखा। ‘वास्तव’ फिल्म की शूटिंग के दौरान महेश मांजरेकर और नम्रता में काफी नजदीकियां बढ़ती गईं और अंत में जैसा कि प्राय: होता है दो लोगों का साथ आगे के वक्त में कुछ समय के लिए ही सही लेकिन हर पल के साथ में बदल गया। पहले से शादीशुदा महेश मांजरेकर अब नमृता के साथ ही रहते थे, पर ये रिश्ता ज्यादा दिन तक टिक नहीं सका और जल्द ही दोनों का ब्रेकअप हो गया। फरवरी 2005 में नम्रता और तेलुगू सुपरस्टार महेश बाबू की शादी हो गई। उसके बाद नम्रता ने फिल्मों में काम करना बंद कर दिया।
‘वामसी’ बनी उनके जीवन को सेट करनेवाली फिल्म
नम्रता शिरोडकर और महेश बाबू की पहली मुलाकात 2000 में फिल्म ‘वामसी’ के सेट पर हुई थी। शादी के बाद नम्रता ने फिल्मों से दूरी बना ली थी और घर-परिवार संभालने लगीं। वे इस बात को अनेक अवसरों पर कहती भी आई हैं, मेरी लाइफ का सबसे खुशनुमा पल वह था जब महेश और मैंने शादी करने का फैसला किया। उसके बाद मेरी पूरी दुनिया बदल गई। शादी का एक्सपीरियंस कमाल का रहा है। मदरहुड और मां बनने का एक्सपीरियंस भी एकदम अलग है। मुझे नहीं लगता मैं इसे किसी भी चीज के लिए बदलूंगी।
महेश बाबू की वजह से एक्टिंग को कह दिया अलविदा
नम्रता शिरोडकर कहती हैं कि जब तक मैं अपने इस काम को इंजॉय करने लगी और एक्टिंग को सीरियसली लेने लगी तभी मेरी मुलाकात महेश से हो गई। हमने शादी कर ली। एक इंटरव्यू के दौरान नम्रता ने बताया भी कि अपने पति महेश बाबू की वजह से उन्होंने एक्टिंग को अलविदा कह दिया था। इस बारे महेश बहुत स्पष्ट थे कि उन्हें काम करने वाली पत्नी नहीं चाहिए। इसलिए हमने थोड़ा समय भी लिया ताकि मैं अपनी सभी फिल्मों की शूटिंग पूरी कर सकूं। जब हमारी शादी हुई, तो मेरे पास कोई काम नहीं था, इसलिए मैंने अपनी सभी पेंडिंग फिल्मों को खत्म कर दिया। हम स्पष्ट थे। हमारे बीच काफी स्पष्टता थी।
आज गौतम और सितारा दो प्यारे बच्चों की मां हैं नम्रता
नम्रता महेश से तीन साल बड़ी हैं। दोनों के दो बच्चे हैं गौतम और सितारा। इस प्रकार से एक नजर देखें तो बहुत खूबसूरत अंदाजवाली, मॉडलिंग एवं फिल्म कैरियर में लगातार आगे बढ़ती हुए, हमेशा मुस्कुरानेवाली, चुलबुली लड़की की पहचान रखनेवाली नमृता ने जब समय आया तो बिना देरी किए एक झटके में फिल्म और मॉडलिंग के जीवन को अलविदा कहने में जरा सी भी देरी नहीं की।
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