मुंबई। मनोरंजन जगत में अपनी बेहतरीन एक्टिंग से अभिनेता सानंद वर्मा ने एक खास जगह बनाई है। कॉमेडी सीरियल ‘भाबी जी घर पर हैं’ के अनोखेलाल सक्सेना उर्फ सक्सेना जी अपने स्टाइल और डायलॉग से हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। सानंद वर्मा को पहला ब्रेक रानी मुखर्जी स्टारर फिल्म ‘मर्दानी’ से मिला था। उन्होंने कई एड फिल्म, सीरियल और फिल्मों में काम किया है। हिन्दुस्थान समाचार की रिपोर्टर मोनिका शेखर ने अभिनेता सानंद वर्मा उर्फ सक्सेना जी से खास बातचीत की है। अनुभव, लॉकडाउन में काम, आने वाली फिल्म, सुशांत सिंह राजपूत मामले, भविष्य की योजना, खास कर सक्सेना जी का कैरेक्टर और तमाम बातों पर उनसे खास बातचीत की है। पेश है अभिनेता सानंद वर्मा उर्फ सक्सेना जी का साक्षात्कार :-
प्रश्न- ‘भाबी जी घर पर हैं’ सीरियल में अनोखे लाल सक्सेना उर्फ सक्सेना जी का कैरेक्टर जो आपने निभाया है वह काफी जीवंत है और आज हर बच्चे, बड़े और बूढ़े का फेवरेट कैरेक्टर है। इस कैरेक्टर के कांसेप्ट को जब आपने पहली बार सुना, जो आपको ऑफर किया गया था, आपको कैसा लगा? आपने पहले कभी ऐसी हस्ती के बारे में सुना या जाना था?
उत्तर- मुझे बड़ी खुशी हुई थी जब इतना शानदार, इतना अनूठा किरदार मुझे ऑफर किया गया था। पूरे विश्व में आजतक इतना अनोखा चरित्र कभी गढ़ा नहीं गया। एक ऐसा व्यक्ति जो पागल है, लेकिन दुनिया का हर काम करने की काबिलियत रखता है। दर्द को महसूस करने में मजा आता है मेरे इस चरित्र को जिसका नाम है अनोखेलाल सक्सेना। आम आदमी की परेशानी, जनजीवन की समस्याओं को बड़े अलग अंदाज में पेश करते हैं ‘भाबी जी घर पर हैं’ के सक्सेना जी। लेखक मनोज संतोषी और निर्देशक शशांक बली बधाई के पात्र हैं जिन्होंने भारतीय टेलीविजन को ऐसा अभूतपूर्व किरदार सौंपा।
प्रश्न- ‘भाबी जी घर पर हैं’ सीरियल में अनोखे लाल सक्सेना उर्फ सक्सेना जी के कैरेक्टर का थप्पड़ या करंट खाने के बाद आई लाइक इट बोलने का अंदाज और एक्सप्रेशन क्या आपने खुद डेवेलप किया है?
उत्तर- नहीं । इसका सारा श्रेय लेखक मनोज संतोषी और निर्देशक शशांक बली को जाता है।
प्रश्न- 2 मार्च 2015 लगभग 5 साल पहले शुरू हुई सीरियल ‘भाबी जी घर पर हैं’ में शुरुआती एपिसोड्स और अब पांच साल बाद आपने कुछ फर्क महसूस किया है?
उत्तर-सभी कलाकारों ने खुद को बेहतर बनाने की कोशिश की है। कहानियों की रोचकता बढ़ी है। पहले के मुकाबले अब ज्यादा किरदार दिखाई पड़ते हैं और सभी को दर्शकों का भरपूर प्यार मिलता है। हप्पु सिंह की उपस्थिति काफी कम हो गई है। क्योंकि वो दूसरे शो में व्यस्त रहते हैं।
प्रश्न- आपने अपना करियर एक जर्नलिस्ट के रूप में शुरू किया फिर आप एक्टिंग की दुनिया से जुड़े और फिल्मों और टीवी की दुनिया में आ गए, ऐसा कैसे हुआ? आपका पहला ब्रेक टीवी सीरियल में था या सिनेमा में?
उत्तर- मैं एक नैचुरल एक्टर हूं। बचपन से मेरे मन में एक ही अरमान था, एक अभिनेता बनने का। जो भी दूसरे काम किए, सिर्फ घर चलाने के लिए किए। पहला ब्रेक मुझे सिनेमा में मिला था। फिल्म थी रानी मुखर्जी स्टारर ‘मर्दानी’। निर्देशक थे प्रदीप सरकार जिनके साथ मैं पहले विज्ञापन फिल्में किया करता था।
प्रश्न- आपका मुंबई कैसे आना हुआ और किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा, अपने आप को एक आइकन के रूप में स्थापित करने में?
उत्तर- हिन्दी फिल्मों में काम करने की हसरत मुझे मुंबई ले आई। यहां आकर जर्नलिस्ट का काम करने लगा जो मैं दिल्ली में करता था। मुंबई में सरवाइव करना बहुत बड़ा चैलेंज था, पर ईश्वर की कृपा से मुंबई आते ही एक अखबार में नौकरी मिल गई। सबसे बड़ी चुनौती तो आर्थिक ही थी। पर कुछ अच्छे लोगों का प्यार और आशीर्वाद मिला और मैं मुंबई में सैटल होकर मेहनत के रास्ते पर चलते हुए अपने सपनों की ओर भागने लगा।
प्रश्न- एक्टिंग की दुनिया में आपका लगाव कैसे हुआ?
उत्तर- बचपन में ही मुझे लगता था कि मैं एक्टर हूं। बचपन में मैं देव आनंद का फैन था। हमेशा शर्ट का बटन ऊपर तक बंद रखता था। गर्मी में पसीना बहता रहता फिर भी शर्ट का बटन ऊपर तक बंद रखता था। सब मजाक उड़ाया करते थे पर मैं देव साहब की नकल करता रहता था।
प्रश्न- आपको इंडस्ट्री में लगभग दस साल हो गए। आपने लगभग 200 एड फिल्में, सीरियल और फिल्मों में काम किया और अपने आप को स्थापित किया, आगे का क्या प्लान है?
उत्तर- बचपन से एक्टिंग मेरा पैशन रहा है और पिछले दस साल से मेरा पैशन, मेरा प्रोफेशन भी बन गया है जिसके लिये मैं ऊपर वाले का दिन रात शुक्रिया अदा करता रहता हूं। फिलहाल एक्टिंग के अलावा और कुछ भी सोचने का समय नहीं है मेरे पास।
प्रश्न- लॉकडाउन में क्या किया? उसके बाद दोबारा शूटिंग शुरू हुई तो काम में क्या बदलाव आया है?
उत्तर- अपने प्रिय दर्शकों से जुड़े रहने के लिए लॉकडाउन में विडियोज बनाए। शूटिंग शुरू होने के बाद बस यही बदलाव था कि कोरोना से बचने के सभी उपाय किए जा रहे थे। साफ सुथरा माहौल था। और किसी का चेहरा अच्छे से नहीं दिख रहा था। क्योंकि सब ने मास्क पहना हुआ था।
प्रश्न-‘भाबी जी घर पर हैं’ सीरियल में आपकी को-स्टार सौम्या टंडन ने हाल में शो को छोड़ा है, उनके साथ काम करने का कुछ अनुभव शेयर कीजिए, उनके बाद सीरियल कैसा रहेगा?
उत्तर- सौम्या मेरी अच्छी मित्र हैं और बहुत जानकार, काफी सुलझे विचारों वाला व्यक्तित्व है उनका। हमारा शो सौम्या को बहुत मिस करेगा। सौम्या को भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं।
प्रश्न- ज्यादातर देखा गया है कि आप इवेंट्स और पार्टीज से दूर रहना पसंद करते हैं, इसके पीछे कोई खास वजह?
उत्तर- इवेंट्स में इसलिए नहीं जाता क्योंकि असहज महसूस करता हूं जब हजारों प्रशंसकों की इच्छा पूरी नहीं कर पाता। मैं सबके साथ फोटो खिंचवाना चाहता हूं। और जब वक्त की कमी के कारण ऐसा नहीं कर पाता तो तकलीफ होती है। और पार्टीज में तरह-तरह के लोगों के साथ बातचीत करना और उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने की कला मुझे आती नहीं। शांति प्रिय हूं। पार्टीज के शोर से दूर रहना बेहतर समझता हूं।
प्रश्न- अभी हाल ही में सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड से पूरा बॉलीवुड स्तब्ध है, आपने फिल्म छिछोरे में सुशांत सिंह राजपूत के साथ काम किया था, आपकी सुशांत के साथ कैसी बांडिंग थी, उनकी याद में उनके साथ कोई खास अनुभव शेयर करेंगे?
उत्तर- सुशांत कमाल के कलाकार थे। धोनी का किरदार जिस ढंग से उन्होंने निभाया, वो अद्भुत है। अपने किरदार में रम जाने वाले बेहतरीन कलाकार थे सुशांत। मैं पहले टीवी सीरियलों में काम नहीं करना चाहता था। मुझे लगता था कि टीवी कलाकार का टैग लगा तो फिल्मों में काम नहीं मिलेगा। पर सुशांत को जब देखा कि वो कैसे टीवी स्टार से फिल्म स्टार बन गए, मैंने उनसे प्रेरणा ली और सक्सेना जी का किरदार निभाया। मुझे उम्मीद है कि सुशांत की मौत की गुत्थी सुलझेगी और उनके परिवार को न्याय मिलेगा।
प्रश्न- आप मूलत: पटना, बिहार के रहने वाले हैं, पटना आना जाना होता है?
उत्तर- जी नहीं। असल में जब मैं चंद महीनों का शिशु था तभी हम सपरिवार दिल्ली चले आए थे। मेरा बचपन दिल्ली में बीता। पटना के संपर्क में मैं नहीं रहा।
प्रश्न- आप फिल्म हेल्मेट में नजर आने वाले हैं, अपने रोल के बारे में बताएंगे?
उत्तर- हेल्मेट में मैं एक ऐसे केमिस्ट का किरदार निभा रहा हूं जो अपने उन ग्राहकों को बड़ी अजीब सी नजर से देखता है जो उसके पास गर्भनिरोधक उत्पाद खरीदने जाते हैं।
प्रश्न- कोई ऐसा रोल जो भविष्य में करने की ख्वाहिश हो? या आप किसी अभिनेता से प्रभावित होकर करना चाहेंगे?
उत्तर- अगर कहानी अच्छी है और रोल महत्वपूर्ण है तो वो रोल मैं करना चाहूंगा। विलेन का किरदार निभाने की ख्वाहिश है। निगेटिव किरदार हमेशा चुनौतीपूर्ण होते हैं।
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