– पूर्व में लगी लोक अदालत के प्रकरणों की भी छानबीन होगी
– निगम ने पुलिस विभाग को जारी किया पत्र
इन्दौर। पिछले दिनों आयोजित लोक अदालत में कई प्रकरणों में गड़बड़ी करने के मामले में एआरओ, बिल कलेक्टर सहित कई राजस्व कर्मचारियों पर नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए 25 को निलंबित और सेवा से बर्खास्त कर दिया। अब पुलिस विभाग में पत्र के माध्यम से प्रकरण दर्ज कराया जा रहा है, साथ ही मामले की सायबर सेल को भी शिकायत की गई है, क्योंकि पोर्टल पर गड़बड़ी कर छूट का बेवजह लाभ दिया गया। देवश्री टाकीज के मालिक के खिलाफ भी आज मुकदमा दर्ज होगा।
नगर निगम ने शासन ने आदेश पर इंदौर में लोक अदालत का आयोजन कर विभिन्न झोनलों से लेकर मुख्यालय तक पर इसकी तैयारियां की थीं और इस मामले में निगम को 40 करोड़ रुपए का संपत्ति कर और जल कर दिनभर में निगम को मिला था। कई लोगों ने इस छूट का लाभ लिया था, लेकिन इसी बीच नगर निगम के अधिकारियों को जानकारी मिली कि कई झोनलों पर लोक अदालत की छूट की आड़ में बड़े पैमाने पर गड़बडिय़ां की गई हैं। इसके चलते उपायुक्त लता अग्रवाल और अन्य अधिकारियों को पूरे मामले की जांच करने के निर्देश दिए गए।
पुलिस विभाग को भी पत्र भेजा, सायबर सेल भी करेगी जांच
निगम अधिकारियों के मुताबिक लोक अदालत की आड़ में संपत्ति करों, जल करों और अन्य करों में गड़बडिय़ां करने के मामले में दो सहायक राजस्व अधिकारी, 12 विनियमित कर्मचारी और 9 अन्य कर्मचारियों पर निगम ने कार्रवाई करते हुए कई को बर्खास्त करते हुए कुछ को निलंबित किया है। करीब 23 पर कार्रवाई हुई है और इन सबके मामले में पूरे विस्तृत विवरण के साथ पुलिस विभाग को मामला पत्र के माध्यम से भेजा जा रहा है, जिसके आधार पर संबंधितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। छूट का गलत लाभ लेने वाले देवश्री टाकीज के मालिक के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज कराया जाएगा, वहीं पोर्टल पर रिकार्ड में गड़बड़ी करने के मामले को लेकर सायबर सेल को भी पत्र लिखा गया है।
दो-दो खाते खोल खोलकर दिया लाभ
निगम अधिकारियों के मुताबिक इस पूरे मामले में झोनलों के राजस्व अधिकारियों की सांठगांठ खुले तौर पर नजर आई, जिसमें संपत्ति करदाताओं को छूट का लाभ पहुंचाने के लिए उनके दो-दो खाते खोल दिए गए और इन्हीं दो-दो खातों के आधार पर मामले में शंका हुई तो पूरी पोलपट्टी सामने आ गई। करीब सात दिनों तक जांच चलती रही, जिसमें पोर्टल के रिकार्ड से लेकर जमा की गई संपत्तियों की रसीदें मंगवाई गईं और फिर जाकर झोन 12 और 16 के गड़बड़ी वाले मामले सामने आए।
पहले भी हुई हैं बड़ी गड़बडिय़ां
राजस्व विभाग के अधिकारी पोर्टल पर गड़बडिय़ां करते रहे हैं और ऐसे मामले आज तक पकड़ में नहीं आए हैं। अब तक आठ से दस बार आयोजित हुई लोक अदालतों में ऐसी ही कई झोनलों पर गड़बडिय़ां हुई हैं। राजस्व विभाग के प्रभारी निरंजनसिंह चौहान के मुताबिक अब पूर्व में आयोजित हुई लोक अदालतों के प्रकरणों की भी जांच करवाई जा रही है। उनका मानना है कि पूर्व में भी ऐसे मामलों में बड़े पैमाने पर गड़बडिय़ां हुई हैं।
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