चंडीगढ़: पंजाब में आए दिन नशे के ओवरडोज से हो रही मौतों को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ड्रग्स के खिलाफ नीति निर्धारण के लिए पुलिस के आला अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है. आम आदमी पार्टी की सरकार पंजाब में ड्रग माफिया से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने को लेकर इस बैठक में चर्चा करेगी. पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार को एक साथ उन समस्याओं से जूझना पड़ रहा है, जो सीधे तौर पर पार्टी के चुनावी घोषणापत्र से जुड़ी हुई हैं.
इनमें से एक पंजाब में फैलता नशे का जाल है, जिसे काबू करना पूर्व सरकारों के लिए भी बड़ी चुनौती रही है और मान सरकार के लिए भी है. विपक्ष का दावा है कि ड्रग्स ओवरडोज से होने वाली मौतों में कोई कमी नहीं आई है. चुनाव से पूर्व दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि उनकी सरकार आई तो 6 महीने में ही पंजाब से नशा खत्म कर देंगे. ड्रग्स की समस्या से जूझ रहे पंजाब में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. हाल ही में हुई एक स्टडी में पता चला है कि राज्य में हर 7वां व्यक्ति ड्रग्स का सेवन कर रहा है.
जानकार इस समस्या से उबरने के लिए ड्रग्स सप्लाई के खिलाफ रणनीति बनाने की बात पर जोर दे रहे हैं. खास बात है कि पंजाब विधानसभा चुनाव में ड्रग्स का मुद्दा खासा चर्चा में रहा. हालांकि, ड्रग्स के सेवन से राज्य में केवल नशा ही नहीं बल्कि HIV जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है. चंडीगढ़ स्थित द पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) की स्टडी में खुलासा हुआ है कि पंजाब में हर 7वां व्यक्ति एक या अन्य तरह के ड्रग्स का सेवन कर रहा है. इस लिहाज से यह राज्य की आबादी का 15.4 फीसदी है. पीजीआई के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग ने यह स्टडी की थी.
इससे पहले लोकमत अखबार के नागपुर संस्करण के स्वर्ण जयंती समारोह में रविवार को बोलते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, ‘भ्रष्टाचार देश और पंजाब के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. आम आदमी पार्टी की सरकार ने सत्ता में आने के बाद सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार रोकने के लिए हेल्पलाइन शुरू की है. यह प्रयास सफल हो रहा है. हम पंजाब से भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, ड्रग्स और प्रदूषण को खत्म करने के अलावा रोजगार, खेल और औद्योगिक विकास को गति देंगे ताकि इसे देश में सबसे आगे बढ़ने वाला राज्य बनाया जा सके. ‘ड्रग सीरिंज’ को ‘टिफिन बॉक्स’ से बदलने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो अपने कार्यालय में टिफिन बॉक्स ले जाने के लिए कार्यरत है, उसके पास नशीली दवाओं की सीरिंज के लिए कोई समय नहीं होगा.’
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