उज्जैन। प्रदेश के शासकीय विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सुधार को ध्यान में रखते हुए अगले 25 सालों के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी। इतना ही नहीं विश्वविद्यालयों में कृषि सहित नर्सिंग व पैरामेडिकल सहित अन्य विषयों के पाठ्यक्रम भी शुरु किए जाएँगे। कल भोपाल में आयोजित बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग से संबद्ध सभी शासकीय विश्वविद्यालय के अकादमिक विस्तार, अधो-संरचना विकास और आत्म-निर्भर बनने के लिए 25 वर्षोंं की योजना बनाकर कार्य करेंगे, जिसमें प्रत्येक पाँच वर्ष के लिए चरणबद्ध कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। विश्वविद्यालय कृषि, मेडिकल पैरामेडिकल के पाठ्यक्रम भी प्रारंभ करेंगे। पैरामेडिकल, मेडिकल के पाठ्यक्रम पीपीपी मॉडल पर चलाए जाएँगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश के समस्त शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति के साथ अकादमिक विस्तार, परीक्षा कार्यक्रम, विश्वविद्यालयों में प्राध्यापकों की भर्ती को लेकर ऑनलाइन समीक्षा की गई। इसमें निर्णय लिया गया है कि सभी विश्वविद्यालय अधो-संरचना विकास के लिए 25 वर्षों की कार्य-योजना बनाएंगे।
विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना है। विक्रम विश्वविद्यालय से प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जिसकी प्रारंभिक तैयारी के बाद मंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेजा जाएगा। शासकीय विश्वविद्यालयों में नर्सिंग, पैरामेडिकल के पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किए जा रहे हैं। जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में पैरामेडिकल के चार पाठ्यक्रम पिछले वर्ष प्रारंभ किए गए थे, उनका विस्तार किया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय आवश्यक रूप से वर्ष में एक बार पूर्व छात्रों का सम्मेलन करेंगे और वार्षिक स्मारिका प्रकाशित करेंगे। इसमें संबद्ध महाविद्यालयों की प्रमुख उपलब्धियों का भी विवरण रहेगा। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर अपने परिक्षेत्र की रिपोर्ट तैयार करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रचार-प्रसार को लेकर व्यापक रूप से कार्य किया जायेगा। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय कृषि से सम्बंधित पाठ्यक्रम प्रारंभ करेंगे। सभी विश्वविद्यालयों ने सहमति दी है कि 30 जून तक सभी परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिए जाएँगे।
विश्वविद्यालय जुड़ेंगे डिजी लॉकर व्यवस्था से
डॉ. यादव ने बताया कि बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल एवं विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा विद्यार्थियों के समस्त दस्तावेज डिजी लॉकर से ऑनलाइन उपलब्ध कराने की महत्वपूर्ण पहल की गई है। मध्यप्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में 30 मई तक डिजी लॉकर की सुविधा उपलब्ध होगी। डिजी लॉकर की सुविधा के नवाचार से विद्यार्थियों को अपने दस्तावेजों को अपने साथ हर जगह ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डिजी लॉकर से छात्रों को कहीं भी अपनी अंकसूची, उपाधि, डुप्लीकेट मार्कशीट, माईग्रेशन, ट्रांसक्रिप्ट आदि प्रमाण-पत्र उपलब्ध हो सकेंगे। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन और रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में भी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस बनाये जाएँगे। प्रदेश के 6 विश्वविद्यालयों में चल रहे इनक्यूबेशन सेंटर में 19 स्टार्ट-अप पर कार्य करने चिन्हाकित किया गया है। इन केन्द्रों ने 15 नए पेटेंट भी फाइल किए है। विश्वविद्यालयों में कैंपस प्लेसमेंट को अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है। इस वर्ष देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में 1600, विक्रम विश्वविद्यालय में 700 से अधिक और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में 147 विद्यार्थियों को प्लेसमेंट प्राप्त हुआ।
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