– सफाई के बाद अब निगम की वाटर प्लस सर्वे पर निगाहें
इन्दौर। स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के मापदंडों के साथ ही अब उसमें वाटर प्लस सर्वे के अंकों को भी शामिल किया जाएगा। इसी के चलते निगम अब वाटर प्लस की तैयारियों में जुटने वाला है। कल कमिश्नर ने अधिकारियों की बैठक लेकर ऐसे संस्थानों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए, जिन्होंने सीवरेज का पानी लाइनों के माध्यम से नदी-नालों में छोडऩे का काम कर रखा है। तीन दिनों में ऐसे लोगों का सर्वे कर उन्हें नोटिस थमाए जाएंगे और फिर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।
इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 को लेकर अपनी तैयारियों में निगम अभी से जुट रहा है और तमाम बदलाव भी किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ-साथ नियंत्रणकर्ता अधिकारियों की टीमें वार्ड की गलियों का चप्पा-चप्पा छान रही हैं। सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए आला अफसरों के दौरे भी चल रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक आगामी स्वच्छता सर्वेक्षण के मापदंडों के साथ ही सर्वेक्षण में प्राप्त अंकों में वाटर प्लस सर्वे की रैंकिंग के अंकों को शामिल किया जाएगा। इसी के मद्देनजर अब निगम वाटर प्लस की तैयारियों में जुट गया है। कल निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने अपर आयुक्त संदीप सोनी, अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा, डीआर लोधी, स्मार्ट सिटी, स्वच्छ भारत मिशन और समस्त झोनल अधिकारियों की बैठक बुलाई, जिसमें कहा गया कि नदी-नालों, तालाबों में जिन लोगों ने सीवरेज लाइन का पानी छोडऩे के लिए लाइन डाल रखी है, उनके विरुद्ध तीन दिनो में नोटिस जारी करने की कार्रवाई की जाए और ऐसी लाइनें हटाने का काम किया जाए। इसके अलावा झोनल अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों के रखरखाव के साथ जल निकासी और जल निस्तारण हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। जिन सुविधाघरों की हालत खराब है, उसे ठीक कराने का काम प्राथमिकता के आधार पर कराया जाए। कमिश्नर ने अफसरों से कहा कि अभी तक देश में किसी भी शहर ने वाटर प्लस सर्वे का खिताब नहीं पाया है और अब इन्दौर इस पर बेहतर काम कर लक्ष्य हासिल कर सकता है। सभी झोनल अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में सीवरेज का पानी बहाने वालों के खिलाफ कार्रवाई का अभियान शुरू करें।
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