उज्जैन। महाकाल मंदिर में भस्म आरती के दौरान कलर सिलेंडर और हाथों से फेंकी गई गुलाल से आरती के दौरान आग लगने के बाद मंदिर में पहली बार बड़ी कार्रवाई होने के संकेत मिले हैं। मंदिर के अंदर अनाधिकृत रूप से भारी मात्रा में गुलाल लाकर उड़ाने वाले एवं कलर सिलेंडर लाने वाले लोगों की पहचान कर कार्रवाई की जा रही है।
महाकाल मंदिर के गर्भगृह में होली के दिन सुबह हुई घटना के बाद एक-एक बिंदु पर जाँच की जा रही है। मंदिर सूत्रों की माने तो आग लगने का कारण केमिकल युक्त गुलाल और रसायन युक्त कलर सिलेंडर का उपयोग करना ही सामने आया है। सूत्रों ने बताया कि सोमवार सुबह महाकाल मंदिर समिति ने 200 किलो गुलाल दी थी लेकिन गर्भगृह में प्रवेश करने वाले कुछ लोग गुलाल अपने साथ लाये थे जिसके बाद उन्होंने गर्भगृह में अपने साथ लाई गुलाल को उड़ाया और आरती के दौरान पुजारी के सिर पर डालने के बाद ही आग लगने की घटना सामने आई है। सूत्रों ने ये भी बताया कि महाराष्ट्र के एक भक्त ने रविवार और सोमवार को मंदिर में चलाने के लिए स्प्रे गुलाल उपलब्ध करवाए थे। रिपोर्ट आने के बाद ये माना जा रहा है। जाँच में गर्भगृह में उस दौरान मौजूद लोगों पर कार्यवाही तय मनाई जा रही है। घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज पहले ही मंदिर प्रशासक ने जाँच टीम को सौंप दिए हैं। होली के दिन सुबह महाकाल मंदिर के गर्भ गृह में नंदी हाल से लेकर रेलिंग तक हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे। यह संख्या भस्म आरती की तय संख्या से भी कहीं अधिक थी। इतने लोग कैसे भस्म आरती में पहुँचे यह भी बड़ा जाँच का विषय है। आग लगने के पहले पूरे मंदिर के अंदर धुंध सी छा गई थी गुलाल और स्प्रे से कुछ दिख भी नहीं पा रहा था। ऐसे में आग लगने के बाद लोग इधर-उधर भागते नजर आए कई लोग चिल्लाते रहे दरवाजा खोलिए, यह भगवान महाकाल का ही आशीर्वाद रहा कि बड़ी घटना नहीं घटी लेकिन अब इस घटनाक्रम से सचेत होना बेहद आवश्यक है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved