संभल (Sambhal) । कांग्रेस (Congress) ने कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. अनुशासनहीनता (indiscipline) का आरोप लगाकर उनके खिलाफ ये एक्शन लिया गया है. निष्कासन के बाद प्रमोद कृष्णम ने संभल के एचौड़ा कंबोह स्थित कल्कि धाम में आजतक से खास बातचीत में सवालों के बेबाकी से जवाब दिए. उन्होंने कांग्रेस आलाकमान पर कई आरोप लगाए तो अपने और कांग्रेस के भविष्य को लेकर भी प्रतिक्रिया दी.
सवाल: वो कौन से कारण थे, जिनकी वजह से कांग्रेस ने निकाला?
जवाब: मेरे सिर पर एक बोझ था, जो कि उतर गया है. मैं कांग्रेस पार्टी की लीडरशिप का एहसानमंद हूं. उन्होंने मेरे ऊपर एक बड़ा उपकार किया है. काफी घुटन होती थी, जब लोग सनातन को गाली देते थे. मेरी पार्टी चुप रहती थी और मैं इसके लिए खुद को पापी और अपराधी समझता था. सोचता था कि मैं इस पार्टी के साथ क्यों खड़ा हूं, जो कि सनातन धर्म को मिटाना चाहती है.
मैं चिंतन करता था कि मैं ऐसी पार्टी के साथ क्यों खड़ा हूं, जो कि राम के निमंत्रण को ठुकराना चाहती है. बहुत पीड़ा होती थी कि मैं ऐसी पार्टी के नेताओं को अपना नेता मानता हूं जो कि अपने बुजुर्गों का सम्मान नहीं करते है. ऐसे लोगों को नेता मानना पड़ा है जो न ही अपनी मां-बहन की इज्जत करते हैं और न देश का सम्मान. कांग्रेस पार्टी के उन नेताओं का धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मुझे इस पाप से मुक्त कर दिया. भगवान राम का वनवास 14 साल का था लेकिन इस निष्कासन को भी 6 साल से बढ़कर 14 साल कर दिया जाए.
सवाल: कोई प्रेशर था, जिस वजह से ये एक्शन हुआ?
जवाब: भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को ठुकराकर कांग्रेस ने बहुत बड़ा पाप किया है. मैंने इसके लिए आवाज उठाई, यही मेरा गुनाह था. मेरा दूसरा गुनाह यह था कि मैंने कल्कि धाम का शिलान्यास करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्मृति ईरानी को आमंत्रित किया. कल्कि धाम सभी का है और भगवान भी सभी के हैं. मुझे गर्व है कि प्रधानमंत्री ने निमंत्रण को स्वीकार किया.
कांग्रेस पार्टी के भी कई नेता इस बात से सहमत हैं कि नरेंद्र मोदी के फैसलों की आलोचना करो लेकिन नफरत मत करो. मगर, कांग्रेस पार्टी नरेंद्र मोदी से इतनी नफरत करने लगी है कि वो उनसे नफरत करते-करते देश से नफरत करने लगी है. जो लोग नरेंद्र मोदी से मिलते हैं, उनको भी टारगेट करती है. मगर, राष्ट्र और राम पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. मैं अपने प्राण न्योछावर करने के लिए तैयार हूं लेकिन ऐसा समझौता नहीं कर सकता.
सवाल: कांग्रेस राष्ट्र को लेकर क्या सोचती है?
जवाब: शास्त्रों में एक सूत्र आता है कि प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं होती है. जो कुछ हो रहा है, वो सभी को दिखाई दे रहा है.
सवाल: क्या पीएम मोदी को दैवीय शक्ति बताने पर एक्शन हुआ?
जवाब: जिस तरह के फैसले नरेंद्र मोदी ने लिए हैं, वो कोई आम व्यक्ति नहीं ले सकता. ऐसे फैसले वही ले सकता है जिस पर दैवीय कृपा हो. इसलिए ही मैंने यह बात कही थी कि नरेंद्र मोदी के ऊपर निश्चित ही कोई दैवीय शक्ति है. उनके ऊपर दिव्य कृपा है. अनुच्छेद-370 को हटाने का फैसला कोई सामान्य व्यक्ति नहीं ले सकता था. राम मंदिर निर्माण का फैसला अदालत की तरफ से हुआ है लेकिन यह मंदिर नहीं बन पाता अगर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं होते.
सवाल : क्या बीजेपी ज्वाइन करेंगे?
जवाब: बीजेपी में जाना है या नहीं, एक अलग विषय है. मगर, नरेंद्र मोदी के साथ खड़े रहना, एक अलग विषय है. मैं नरेंद्र मोदी के साथ हूं क्योंकि वो देश के साथ हैं.
सवाल: कांग्रेस पार्टी के सियासी भविष्य पर क्या कहेंगे?
जवाब: बर्बाद गुलिस्तां करने को बस एक ही उल्लू काफी था. हर डाल पर उल्लू बैठा है, अंजाम-ए-गुलिस्तां क्या होगा.
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