सागर। कैंट थाना इलाके (cantt police station area) के करीब चार साल पुराने धोखाधड़ी के मामले में अदालत (Court) ने फैसला सुनाया है। प्रकरण की सुनवाई अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश अब्दुल्लाह अहमद की कोर्ट में हुई। न्यायालय ने प्रकरण में सुनवाई करते हुए 34 लोगों से ठगी करने वाले आरोपी नासिर मोहम्मद उर्फ नासिर राजपूत को दोषी पाते हुए धोखाधड़ी की धारा 420 के तहत प्रत्येक व्यक्ति के साथ की गई ठगी के लिए 5-5 वर्ष का कठोर कारावास कुल 170 वर्ष के कारावास और प्रत्येक में 10 हजार रुपए जुर्माने कुल 3.40 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
जिला अभियोजन के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि 12 अक्टूबर 2019 को शिकायतकर्ता अरविंद जाटव, इश्हाक खान, नियाज खान ने आरोपी नासिर मुहम्मद व उसके परिवार के अन्य सात सदस्यों के खिलाफ पुलिस अधीक्षक सागर को आवेदन दिया था। शिकायत में बताया कि एक व्यक्ति करीब 11 माह से अपना नाम नासिर मोहम्मद बताता है और बाद में उसके आधार कार्ड से पता चला कि उसमें उसका नाम नासिर राजपूत लिखा हुआ है। वह ग्राम भैंसा मुन्ना आटो ड्राइवर की आटो से आया था। मुस्तकीम टेलर मास्टर के मकान में किराए से रहने लगा। आरोपी नासिर व उसके परिवार के अन्य लोगों ने ग्राम भैंसा व सदर के लोगों को स्वयं को गुजरात का रहने वाला बताया। बताया कि उसका गुजरात का बंगला 7 करोड़ 85 लाख रुपए में बिका है। लेकिन आरबीआई ने मध्यप्रदेश में पैसा आने पर टैक्स के कारण रोक लगा दी है। टैक्स काटकर उसका पूरा पैसा उसके बैंक आफ बड़ौदा के खाते में आने वाला है।
72 लाख रुपए ठगकर भागा था आरोपी
शिकायतकर्ता ने नासिर राजपूत उसकी पत्नी सारिया उसके पुत्र दानिश साउल, दाउद सुलेमान व ईशापरी के मोबाइल नंबर भी पुलिस को बताए। आरोपी कई लोगों को लालच देकर लाखों रुपए ठगकर ले गया था। मामले में शिकायत पर कैंट थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया। जांच के दौरान प्रकरण में 34 फरियादी सामने आए। जिसमें पता चला कि आरोपी 34 लोगों से करीब 72 लाख रुपए धोखाधड़ी कर भागा है। पुलिस ने जांच पूरी कर चालान न्यायालय में पेश किया। कोर्ट ने प्रकरण में सुनवाई शुरू की। सुनवाई के दौरान अभियोजन ने प्रकरण से जुड़े साक्ष्य व दस्तावेज पेश किए। पीड़ितों की गवाही कराई। न्यायालय में मामले में साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुनाते हुए आरोपी नासिर को प्रत्येक व्यक्ति के साथ ही गई धोखाधड़ी के मामले में 5-5 साल के कारावास की सजा सुनाई। सभी सजाएं एक के बाद एक चलेगी।
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