जयपुर । राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने जयपुर में (In Jaipur) पत्नी की हत्या के मामले में (For Murder of Wife) उम्रकैद की सजा काट रहे (Serving Life Imprisonment) आरोपी पति (Accused Husband) को 12 साल बाद (After 12 Years) बरी कर दिया (Acquitted) । हाईकोर्ट ने जयपुर में पत्नी की हत्या के मामले में आरोपी पति की उम्रकैद की सजा को गलत करार दिया और 12 साल बाद उसे बरी कर दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन महीने के अंदर आरोपी आवेदक को 25 लाख रुपये मुआवजा देने को कहा है । हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
कोर्ट ने कहा कि सबूतों से साबित होता है कि आरोपी की पत्नी ने आत्महत्या की थी। ऐसे में उन्होंने न सिर्फ अपनी पत्नी को खोया है, बल्कि सरकार द्वारा दायर एक गलत केस के कारण वह 12 साल और चार महीने तक अपने तीन छोटे बच्चों के साथ भी नहीं रह सके। न्यायाधीश पंकज भंडारी एवं भुवन गोयल ने यह आदेश अभियुक्त इकबाल की अपील को स्वीकार करते हुए दिया। मामले से जुड़े वकील राजेश गोस्वामी और निखिल शर्मा ने कहा- 13 मई 2011 को इकबाल की पत्नी की जलने से मौत हो गई थी।
पुलिस का आरोप है कि पति इकबाल ने ही पत्नी की हत्या की है। इस पर पुलिस ने इकबाल को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया। घटना गलता गेट थाना क्षेत्र की है। 11 मई 2016 को जयपुर की महिला उत्पीड़न मामलों की विशेष अदालत ने आरोपी को पत्नी की हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
आरोपी पति ने निचली अदालत की आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर की। निचली अदालत ने मृतक के 6 साल के बेटे की गवाही भी नहीं मानी। आरोपी के वकील निखिल शर्मा ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने उस डॉक्टर से पूछताछ नहीं की, जिसने महिला का इलाज किया था। आरोपी का पक्ष पूरा नहीं सुना गया।
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