इंदौर: फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर पुलिस की नौकरी पाने वाले आरोपी आरक्षक को 10 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है. चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश जयदीप सिंह की कोर्ट ने थाना छोटी ग्वालटोली के अपराध में आरोपी सत्यनारायण वैष्णव, आयु 59 वर्ष, निवासी लक्ष्मीपुरा कॉलोनी, इंदौर को धारा 467 सहपठित धारा 471 भा.दं.वि. में 10 वर्ष का सश्रम कारावास व धारा 420 एवं 468 भा.दं.वि. में 7-7 वर्ष के सश्रम कारावास व कुल 4000 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया. प्रकरण में जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव के निर्देशन में अभियोजन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक हेमन्त राठौर द्वारा की गई.
अभियोजन का मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 06.05.2006 को थाना छोटी ग्वालटोली के टी आई को पुलिस अधीक्षक कार्यालय से आरोपी आरक्षक सत्यनारायण बैज नं. 1273 के द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर पुलिस सेवा में नौकरी प्राप्त करने के संबंध में जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ, जिसकी जाँच के संबंध में आवेदिका वर्षा साधू, आरोपी सत्यनारायण, ऋषि कुमार अग्निहोत्री एवं ईश्वर वैष्णव के कथन लिए गए, जिसमें उन्होंने बताया कि आरोपी सत्यनारायण वैष्णव ने कोरी समाज का जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर नौकरी प्राप्त की है जबकि आरोपी के पिता रामचरण वैष्णव, उसका बडा भाई श्यामलाल वैष्णव तथा छोटा भाई ईश्वर वैष्णव, सभी वैष्णव ब्राह्मण हैं. इसके बावजूद सत्यनारायण ने कोरी जाति का सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी प्राप्त की है.
विवादित उक्त जाति प्रमाण पत्र सत्यनारायण के द्वारा शपथ पत्र प्रस्तुत करने के आधार पर तहसील कार्यालय दण्डाधिकारी एवं अपर तहसीलदार इंदौर से जारी हुआ तथा उसमें आरोपी की जाति कोरी दर्शायी गई है. इस प्रकार जाँच के दौरान प्राप्त साक्ष्य, कथनों के आधार पर यह पाया गया कि उक्त जाति प्रमाण पत्र सत्यनारायण द्वारा फर्जी आधार पर नौकरी पाने के उददेश्य से बनावाया था. उक्त जाँच के आधार पर आरोपी के विरुद्ध थाना छोटी ग्वालटोली पर धारा 420, 467, 468, 471 भा.दं.सं. का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। छानबीन समिति द्वारा भी यह पाया गया कि आरोपी सत्यनारायण का जाति प्रमाण पत्र फर्जी है। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जिस पर से अभियुक्त को उक्त दण्ड से दण्डित किया.
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