भोपाल। महिला अत्याचार में मप्र देश में सबसे ज्यादा बदनाम है। हाथरस घटना के बाद एक बार फिर देश में महिला अत्याचार के विरोध में आक्रोश है। इस बीच राज्य महिला आयोग ने मप्र सरकार पर आरोप लगाए हैं कि सरकार प्रताडि़त महिलाओं से जुड़े मामलों की सुनवाई नहीं करने दे रही है। राज्य महिला आयोग द्वारा आरोपियों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं, लेकिन सरकार उन्हें तालीम ही नहीं होने दे रही है। आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा कि पत्नी के साथ मारपीट करने वाले निलंबित स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा के संबंध में उन्होंने 5 अक्टूबर को उपस्थित होने पर नोटिस दिया था। आयोग के कर्मचारियों ने वह नोटिस तामील ही नहीं कराया। आयोग की सदस्य संगीता शर्मा ने बताया कि अधिकारी एवं कर्मचारी आयेाग को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। आयोग की सुनवाई नहीं हो रही तो फिर महिलाओं की सुनवाई कहां से हो रही होगी। संगीता शर्मा ने कहा कि सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
सदस्यों के बीच जिलों का बंटवारा नहीं
राज्य महिला आयोग में मार्च में अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्तियां की गई थी। तब से लेकर अभी तक महिला अत्याचार से जुड़े प्रकरणों को लेकर कोई बैंच नहीं लगी। न ही सदस्यों के बीच जिलों का बंटवारा हो सका है।
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