नई दिल्ली। देश (India) में ब्लैक फंगस (Black fungus) के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में एम्स दिल्ली (AIIMS Delhi) के डॉक्टरो का कहना है कि ब्लैक फंगस अब मधुमेह (Diabetes) या स्टेरायॅड (Steroids) तक ही सीमित नहीं रह गया है। अचानक से मरीजों की संख्या बढ़ने के पीछे कोरोना के नए स्ट्रेन हैं जिनसे पूरा देश में संकट में है।
दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) में ही पिछले एक सप्ताह के दौरान 75 से 80 मरीज भर्ती हुए हैं जिनमें से 30 मरीजों की हालत काफी गंभीर है। वहीं बुधवार को मैक्स प्रबंधन ने बताया कि देश भर में उनके अस्पतालों में ब्लैक फंगस के 50 मरीज उपचाराधीन हैं।
एम्स के न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष (AIIMS Neurology Department Head) डॉ. एमवी पद्मा ने बताया कि ब्लैक फंगस काफी तेजी से बढ़ रहा है। अभी तक इन्हें अनियंत्रित मधुमेह और स्टेरॉयड युक्त दवाओं का अत्यधिक सेवन से जोड़कर देखा जा रहा था लेकिन अब ऐसा नहीं है। कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन भी इसमें काफी सहायक हैं। हालांकि इस पर सटीक जानकारी अध्ययन के बाद ही पता चलेगी।
दिल्ली एम्स ने बनाई टास्क फोर्स
हर दिन बढ़ते ब्लैक फंगस के मामलों को दिल्ली एम्स ने एक टास्क फोर्स (Task force) का गठन भी किया है जो लगातार इन मामलों की निगरानी में जुटा हुआ है। इस टास्क फोर्स में मौजूद डॉक्टरों के अनुसार ब्लैक फंगस के ज्यादातर मामले 40 वर्ष से अधिक आयु वालों में दिखाई दे रहे हैं।
हाल ही में एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया था कि जिन लोगों में मधुमेह अनियंत्रित है और उन्हें कोरोना वायरस (Corona Virus) हो चुका है अथवा वर्तमान में संक्रमित हैं तो उन्हें ब्लैक फंगस होने की आशंका कई गुना अधिक है। जिन्हे पहले से मधुमेह होता है उन्हें स्टेरायॅड युक्त दवाएं देने से मधुमेह काफी बढ़ जाता है। अगर हर दिन मधुमेह की जांच और उसे रोकने के लिए इंसुलिन न ली जाए तो इससे काफी नुकसान तक हो सकता है।
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