इंदौर, विकाससिंह राठौर। इंदौर के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर कल बड़ा हादसा टल गया। कल शाम चली तेज हवाओं के कारण यहां बन रहे नए कार्गो टर्मिनल की दीवार की लोहे की चादरें उड़ गईं। अच्छा यह हुआ कि ये चादरें उड़कर कार्गो टर्मिनल के पास ही गिरीं। अगर ये उड़कर एयरपोर्ट के ऑपरेशनल एरिया में चली जातीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। इस घटना के बाद कार्गो टर्मिनल के निर्माण के दौरान ही इसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कल शाम करीब 7 बजे तेज हवाएं चल रही थीं, तभी एयरपोर्ट के पुराने टर्मिनल के पास बन रहे डोमेस्टिक कार्गो टर्मिनल में तेज धमाके जैसी आवाजें आईं। इससे पास ही काम कर रहे कर्मचारी भी घबरा गए। तेज हवाओं के कारण कार्गो टर्मिनल की दीवार का 30 फीट से ज्यादा का हिस्सा, जो लोहे की चद्दरों से बना था, टूट गया। तेज हवाओं के कारण लोहे की चद्दरें उड़कर कार्गो टर्मिनल के शेड के पास ही गिर गईं। सूचना मिलने पर निर्माण से जुड़े अधिकारी तुरंत यहां पहुंचे। घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, वहीं घटना ऑपरेशनल एरिया से दूर होने के कारण हवाई यातायात भी प्रभावित नहीं हुआ। वहां मौजूद लोगों ने बताया कि इस समय विमान आ-जा रहे थे, अगर चद्दरें ऊंची उड़तीं तो हादसा भी हो सकता था।
12 करोड़ से 9 माह में बनना था, एक साल में भी नहीं बना
प्रदेश में हवाई माल परिवहन (कार्गो) को बढ़ावा देने के लिए सितंबर 2021 में उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंदौर और भोपाल में डोमेस्टिक कार्गो टर्मिनल बनाए जाने की घोषणा की थी। इसके बाद एयरपोर्ट अथोरिटी ने जनवरी 2022 में एयरपोर्ट पर दो हजार वर्गमीटर क्षेत्र में 12.23 करोड़ से कार्गो टर्मिनल बनाने के लिए टेंडर जारी किए थे। इसके लिए 9 माह का समय दिया गया था, लेकिन एक साल से ज्यादा समय हो जाने के बाद भी 70 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं हुआ है। इस बीच इस घटना ने निर्माण की गुणवत्ता की भी पोल खोल दी है। इस मामले में एयरपोर्ट डायरेक्टर सीवी रविंद्रन से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।
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