नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश राज्य कौशल विकास निगम (APSSDC) के कथित घोटाले के मामल में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को राहत मिलती नहीं दिख रही है. एसीबी कोर्ट ने दो दिनों की रिमांड बढ़ा दी है. इससे पहले उनकी गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में राजमुंदरी सेंट्रल जेल भेज दिया गया था. आंध्र प्रदेश सीईडी मामले की जांच कर रही है.
सीईडी की तरफ से दर्ज शिकायत के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी कथित घोटाले की जांच में जुटा है. आरोप है कि मेसर्स डीटीएसपीएल, इसके निदेश और अन्य ने शेल कंपनी की मदद से बहुस्तरीय लेनदेन कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया. फर्जीवाड़े के जरिए 370 करोड़ रुपये की धनराशि निकाल ली गई.
क्या है एपीएसएसडीसी?
साल 2016 में टीडीपी सरकार के कार्यकाल के दौरान बेरोजगार युवाओं को उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल प्रशिक्षण देकर सशक्त बनाने के लिहाज से एपीएसएसडीसी की स्थापना की गई थी. इस योजना के तहत हैदराबाद और आस पास के क्षेत्रों के युवाओं को इंडस्ट्रीज में काम करने के लिए जरूरी स्किल सिखाई जाती थी.
राज्य सरकार ने इस योजना के तहत युवाओं को प्रशिक्षण देने का जिम्मा सीमेन्स नाम की कंपनी को सौंपा था और 6 क्लस्टर्स बनाए गए. इस पूरे प्रोजेक्ट में 3,300 करोड़ रुपये खर्च किए जाने थे. जिन 6 कलस्टर को बनाया गया था उसमें से हर एक क्लस्टर पर 560 करोड़ रुपये खर्च होने थे.
पूर्व सीएम ने कैबिनेट में जानकारी दी इस योजना के तहत राज्य सरकार कुल खर्च का 10 फीसदी यानी लगभग 370 करोड़ खर्च करेगी और बाृकी 90 प्रतिशत सीमेंन्स कंपनी खर्च करेगी. अब एन चंद्रबाबू नायडू पर आरोप है कि उन्होंने इस योजना पर सरकार की तरफ से खर्च किए जाने वाले 370 करोड़ रुपये को शैल कंपनियों को ट्रांसफर कर दिया और उन्हें पैसा ट्रांसफर करने से जुड़े सभी दस्तावेजों को नष्ट भी कर दिया गया.
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