नई दिल्ली। टिकाऊ उपभोक्ता सामान कंपनियों द्वारा कच्चे माल और ढुलाई भाड़े में बढ़ोतरी का बोझ (Burden of increase in raw material and freight charges) ग्राहकों पर डालने के बाद नए साल (new year) में एयर कंडीशनर (एसी) और रेफ्रिजरेटर (Air conditioner (AC) and refrigerator) की कीमतें बढ़ गई हैं। इसके अलावा वॉशिंग मशीन के दाम इस महीने बाद में या मार्च तक पांच से 10 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं।
पैनासोनिक, एलजी, हायर सहित कई कंपनियां पहले ही कीमतों में बढ़ोतरी कर चुकी हैं, जबकि सोनी, हिताची, गोदरेज अप्लायंसेज इस तिमाही के अंत तक मूल्यवृद्धि पर निर्णय ले सकती हैं। दक्षिण कोरिया की उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी एलजी ने घरेलू उपकरणों की श्रेणी में कीमतों में वृद्धि की है।
एलजी ने कहा कि कच्चे माल और लॉजिस्टिक्स की लागत में बढ़ोतरी चिंता का विषय है। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के उपाध्यक्ष, घरेलू उपकरण और एयर कंडीशनर कारोबार दीपक बंसल ने कहा, हमने नवेन्मेषी उपायों के जरिये लागत का बोझ खुद उठाने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन कारोबार को टिकाऊ बनाए रखने के लिए कीमत वृद्धि जरूरी है।
हिताची एयर कंडीशनिंग इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक गुरमीत सिंह ने कीमतों में बढ़ोतरी को अपरिहार्य करार देते हुए कहा कि कच्चे माल, करों और परिवहन सहित उत्पादन की लागत बढ़ी है। ऐसे में ब्रांड अप्रैल तक कीमतों में 10 प्रतिशत तक की वृद्धि करेगा। चरणबद्ध तरीके से आठ से 10 प्रतिशत बढ़ाएंगे।
कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायंसेज मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सिएमा) के मुताबिक, उद्योग जनवरी से मार्च तक कीमतों में 5-7 फीसदी की बढ़ोतरी करेगा। हायर अप्लायंसेज इंडिया के अध्यक्ष सतीश एन एस ने कहा, जिंस कीमतों, वैश्विक ढुलाई भाड़े और कच्चे माल की लागत में अभूतपूर्व वृद्धि के बाद हमने रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन और एयर कंडीशनर श्रेणियों में अपने उत्पादों की कीमतों में तीन से पांच प्रतिशत तक की वृद्धि करने के लिए कदम उठाए हैं।
एफएमसीजी कंपनियां स्टॉक के साथ तैयार
देश में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के मामले बढ़ने के बीच रोजमर्रा के उपभोग का सामान बनाने वाली कंपनियों की मांग में जोरदार उछाल आया है। पिछले दो सप्ताह के दौरान एफएमसीजी कंपनियों की मांग काफी तेजी से बढ़ी है। इन कंपनियों ने आपूर्ति के किसी तरह के संकट से बचने के लिए स्टॉकिस्टों को अधिक माल भेजना शुरू कर दिया है। पारले प्रोडक्ट्स, डाबर इंडिया और आईटीसी जैसी कंपनियां महामारी की नई लहर के कारण आपूर्ति श्रृंखला में किसी भी व्यवधान से बचने के लिए कच्चे माल का अतिरिक्त स्टॉक रख रही हैं। पूर्व में हुए अनुभव के मद्देनजर इन कंपनियों ने यह कदम उठाया है। हालांकि, ये कंपनियां विनिर्माण सामग्री की मुद्रास्फीति से प्रभावित हैं।
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