इंदौर । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की सदस्यता 33 लाख से ज्यादा हो गई है. अभाविप की केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में बताया गया कि सदस्यता के लिहाज से अब तक की यह रिकॉर्ड संख्या है. साल 2019-20 में 33,39,682 छात्रों को सदस्य बनाते हुए ABVP ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिए. इससे पहले करीब 30 लाख सदस्य संगठन के पास थे.
इंदौर में हुई ABVP की इस वर्चुअल बैठक में कई समसामयिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई. कोरोना महामारी की वजह से छात्र-जीवन में बदलाव, कोरोना से लड़ने में संगठन का योगदान, राष्ट्रीय शिक्षा नीति और अंतिम वर्ष के छात्रों और NEET-JEE आदि प्रतियोगी परीक्षाओं पर चर्चा हुई. बैठक में कोरोना काल में एबीवीपी के सेवा कार्यों की जानकारी दी गई. बताया गया है कि 59,939 कार्यकर्ताओं ने 30,10,951 खाने के पैकेट, 3,17,553 राशन किट, 5,83,689 मास्क बांटे. साथ ही कार्यकर्ताओं ने 5,612 यूनिट रक्तदान (blood donate) भी किया.
एबीवीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एस.सुबैय्या ने इस बैठक का ऑनलाइन उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि ‘कोरोना महामारी एक भीषण आपदा है, लेकिन इससे हमें सबक भी सीखने हैं. हमें भविष्य में ऐसी बीमारियों से बचने के लिए भारतीयता के मूल्यों स्वच्छता, उचित आहार, रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए प्राचीन काल से किये जा रहे आयुर्वेदिक औषधियों के सेवन आदि को अपनाने की जरूरत है.’
उन्होंने कहा कि ‘इस कठिन समय में देश के नागरिकों, सरकार और अभाविप के कार्यकर्ताओं ने कोरोना वॉरियर बनकर कश्मीर से कन्याकुमारी तक बड़े काम किए. मुम्बई, पुणे और इंदौर में अभाविप कार्यकर्ताओं की ओर से रेड जोन में की गई स्क्रीनिंग की सराहना हुई. कोरोना ने यह भी दिखाया कि हमारी शिक्षा पद्धति में इस प्रकार की चुनौतियों से लड़ने के लिए आमूलचूल बदलाव की जरूरत है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति जो समग्र शिक्षा पर जोर देती है, इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.’
एबीवीपी की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कोरोना काल में भी छात्रहितों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री, शिक्षा मंत्री और अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्रियों को ज्ञापन सौंपा. प्रांतवार (province-wise) हेल्पलाइन नंबर जारी कर आज भी हजारों छात्रों की सहायता कर रही है. अभापिप ने NEET-JEE की परीक्षा देने में छात्रों के सामने आने-जाने और परीक्षा स्थल के आसपास ठहरने की समस्याओं को ध्यान में रख कर पूरे देश में हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved