नई दिल्ली (New Delhi)। हर साल की तरह इस बार भी पूरे देश में नेशनल एजुकेशन डे (National Education Day 2023) मनाया जा रहा है। यह खास दिन प्रतिवर्ष 11 नवंबर को देश के पहले एजुकेशन मिनिस्टर (Country’s first education minister) मौलाना अबुल कलाम आजाद (Maulana Abul Kalam Azad) की बर्थ एनिवर्सरी (Birth Anniversary) को दर्शाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को सेलिब्रेट करने का खास मकसद शिक्षा के क्षेत्र में अबुल कलाम आजाद के योगदान को सम्मानित करना है।
इतिहास के पन्ने पलटकर देखें तो हम जान पाएंगे कि 2008 में मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट ने 11 नवंबर को नेशनल एजुकेशन डे के रूप में घोषित कर दिया था। अबुल कलाम आजाद ने भारतीय शिक्षा प्रणाली को एक बेहतर शेप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और हायर एजुकेशन और साइंटिफिक रिसर्च की नींव रखी।
उन्होंने 15 August 1947 से लेकर 2 February 1958 तक देश के एजुकेशन मिनिस्टर के रूप में अपनी सेवाएं दी। आजाद ने कई शैक्षणिक संस्थानों जैसे यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन यानी UGC,All India Council for Technical Education (AICTE),सेकेंडरी एजुकेशन कमीशन जैसे कई निकायों की स्थापना में अपना योगदान दिया। इसके साथ ही उनके कार्यकाल में ही जामिया मिलिया इस्लामिया और आईआईटी खड़गपुर जैसे संस्थानों की स्थापना की गई। आजाद साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी और Council of Scientific and Industrial Research की स्थापना का क्रेडिट भी उन्हीं को दिया जाता है।
केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने Adult Literacy,Universal Primary Education, 14 साल तक के सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा, Girl Child education और माध्यमिक शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण के विविधीकरण पर जोर दिया। मौलाना आजाद कहा करते थे कि स्कूल वो प्रयोगशाला है जो भविष्य के नागरिकों का निर्माण करते हैं। आइए हम सभी मिलकर देश के पहले एजुकेशन मिनिस्टर के जन्मदिन (National Education Day) पर शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को याद कर उन्हें नमन करते हैं।
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