नई दिल्ली । केंद्रीय सचिव विवेक भारद्वाज (Union Secretary Vivek Bhardwaj) ने कहा कि 50000 गांवों में (In 50000 Villages) करीब 58 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड (About 58 lakh Proprietary Property Cards) कल वितरित किये जाएंगे (Will be distributed Tomorrow) । केंद्र सरकार मार्च 2026 तक करीब 2.2 करोड़ स्वामित्व संपत्ति कार्ड वितरित करने की योजना पर काम कर रही है।
पंचायती राज मंत्रालय के केंद्रीय सचिव विवेक भारद्वाज के अनुसार, सरकार का लक्ष्य भारत में संपत्तियों को मान्य करने और ग्रामीणों को लोन के बदले उनकी संपत्ति इस्तेमाल करने में मदद करना है। केंद्रीय सचिव विवेक भारद्वाज ने जानकारी दी कि 27 दिसंबर को पीएम मोदी 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 50,000 गांवों में करीब 58 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड वितरित करेंगे।
केंद्रीय सचिव भारद्वाज ने कहा, “विकासशील देशों में भूमि का स्वामित्व स्पष्ट नहीं है। अगर संपत्ति का स्वामित्व अधिकार स्पष्ट नहीं होता है तो किसी भी वित्तीय संस्थान द्वारा व्यक्ति को उधार नहीं दिया जाता है। वहीं, अगर व्यक्ति वित्तीय संस्थानों से उधार लेने में असमर्थ होता है तो वह किसी भी तरह की आर्थिक गतिविधि नहीं कर सकता है, साथ ही किसी भी तरह का क्रेडिट लिंकेज नहीं होगा, क्योंकि संपत्ति के मालिक को लेकर जानकारी स्पष्ट नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर आपकी संपत्ति के स्वामित्व के अधिकार स्पष्ट नहीं होंगे और किसी स्थिति में उधार लेने की जरूरत पड़ी तो आप अपनी ही संपत्ति का इस्तेमाल ऋण लेने के लिए नहीं कर सकेंगे। इसलिए हमने स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण भारत में आबादी वाली भूमि को कवर करने का प्रयास किया है।”
स्वामित्व योजना को मोदी सरकार ने अप्रैल 2020 में शुरू किया था। इस योजना का उद्देश्य गांवों में कृषि भूमि से अलग आबादी वाले क्षेत्रों के लिए राजस्व दस्तावेजों में अधिकारों का रिकॉर्ड बनाना है। योजना के तहत लेटेस्ट सर्वे वाले ड्रोन और जीआईएस टेक्नोलॉजी के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी वाली भूमि का सीमांकन किया जाता है। योजना के तहत 3,44,868 गांवों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 92 प्रतिशत यानी करीब 3.17 लाख गांवों में पहले ही ड्रोन के जरिए सर्वे किया जा चुका है।
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