गंजबासौदा। गुरुवार को स्थानीय शहर के एडवोकेट द्वारका प्रसाद तिवारी परिवार द्वारा भगवान भोली बाबा का अभिषेक एवं पूजन संपन्न किया गया।इस अवसर पर शिव पुराण कथा में पंडित केशव गुरुजी ने कहा भगवान शिव की भस्म, रुद्राक्ष, तुलसी का महत्व बताया। रुद्राक्ष भगवान के नेत्रों से प्रगट है, भगवान शिव को प्रिय है बिल पत्र भगवती उमा के द्वारा प्रगट है जो भगवान को प्रिय है। आपने बताया बिल्व पत्र के नीचे लक्ष्मी का निवास बनता है। बेलपत्र भगवती उमा एवं शिव का ही स्वरूप है बेलपत्र अर्पित करने से अनेक प्रकार के पापों का शमन शिव कृपा से साधक को होता है आपने बताया पीपल के वृक्ष में समस्त देवता निवास करते हैं।
रविवार के दिन दरिद्रता लक्ष्मी पीपल के वृक्ष के नीचे नित्य करके नृत्य करती है अत: रविवार के दिन भगवान विष्णु ने कहा है कि खाली ना जाएं कुछ ना कुछ पत्र पुष्प आदि लेकर ही पीपल वृक्ष के नीचे रविवार के दिन जाना चाहिए। पीपल तुलसी दोनों ही शुद्ध वायु का संचार करते हैं और यह दोनों वायु के द्वारा ही अपना आहार भी लेते हैं। भगवान शिव की उदार व्यक्ति है वह केवल देना जानते हैं लेना इनकी चरित्र में नहीं है इसी कारण से अन्य देवताओं की पूजन में बहुत से साधनों की आवश्यकता होती है लेकिन शिवपूजन में तो जल एवं तुलसी पत्र भी मिल जाए बिल पत्र मिल जाए तो भी भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं भगवान शिव भगवान शिव काशी में निवास करते हैं शास्त्र में कहा है का श्याम वर्णन वर्णन मुक्ति काशी में जिनका शरीर छूट जाता है उनको शिव लूं क्या मुक्ति प्राप्त होती है मरे हुए व्यक्ति के कान में भगवान शिव तारक मंत्र प्रदान करते हैं और इस तारक मंत्र का यह प्रभाव है कि मरे हुए व्यक्ति का दाहिना कान टेढ़ा हो जाता है इस तरह से शिव की बड़ी महिमा है श्रावण में शिव की पूजन विशेष फलदाई कही जाती है
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