कोलकाता (Kolkata)। राज्य के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार (teacher recruitment corruption) मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamta Banerjee) के भतीजे अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) से शनिवार को साढ़े नौ घंटे से अधिक पूछताछ हुई। सीबीआई (CBI) के नोटिस के मुताबिक सुबह 11 बजे के करीब वह केंद्रीय एजेंसी के सीजीओ कॉम्प्लेक्स (CGO Complex) स्थित दफ्तर में पहुंच गए थे। उसके बाद रात 8:45 बजे करीब वहां से बाहर निकले हैं।
इस मामले में पहले से गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के निष्कासित नेता कुंतल घोष ने डिस्ट्रिक्ट जज और कोलकाता पुलिस को पत्र लिखकर दावा किया था कि केंद्रीय एजेंसी उन पर अभिषेक का नाम लेने के लिए दबाव बना रही है। इसी मामले में हाईकोर्ट के आदेशानुसार सीबीआई ने अभिषेक से पूछताछ की है।
पूछताछ के बाद । अभिषेक ने केंद्र पर हमला बोला और कहा कि उन्होंने दिल्ली के आकाओं का पालतू कुत्ता बनने से इनकार कर दिया था इसीलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के जो नेता झुकने को तैयार नहीं हैं उन्हें परेशान किया जा रहा है, जबकि विभिन्न मामलों में शामिल भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को छोड़ दिया गया है।
बता दें किसीबीआई के निजाम पैलेस कार्यालय में उनसे 9 घंटे तीन शिफ्ट में पूछताछ चली। अभिषेक बनर्जी ने इसे सीबीआई और उनके समय की बर्बादी करार देते हुए कहा कि उनके और सीबीआई अधिकारियों दोनों के लिए समय की बर्बादी थी, लेकिन जो कुछ पूछा गया उसमें उन्होंने सहयोग किया। उन्होंने दावा किया कि उन्हें पूछताछ के लिए बुलाए जाने की असली वजह यह थी कि उन्होंने दिल्ली के आकाओं का पालतू कुत्ता बनने से इनकार कर दिया इसलिए उन्हें निशाना बनाया गया है।
अभिषेक ने कहा कि मैं सीबीआई को चुनौती देता हूं कि अगर उनके पास मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई सबूत है तो वह मुझे गिरफ्तार करें। वे पिछले कई साल से बंगाल में कई मामलों की जांच कर रहे हैं। अगर उनके पास मेरे खिलाफ कोई सबूत है तो उन्हें मुझे गिरफ्तार करना चाहिए।” सुदीप्तो सेन शारदा चिटफंड घोटाले में मुख्य आरोपी है।
अभिषेक ने आरोप लगाया, ”एक व्यक्ति कैमरे में रिश्वत लेते पकड़ा गया, लेकिन सीबीआई ने उसे कभी समन नहीं भेजा क्योंकि वह भाजपा में शामिल हो गया है।” बनर्जी का नाम घोटाले में एक आरोपी कुंतल घोष की ओर से दर्ज शिकायत पर सामने आया था। घोष का आरोप है कि केंद्रीय एजेंसियां भर्ती घोटाले में उनका (अभिषेक बनर्जी का) नाम लेने का उन पर दबाव बना रही हैं।
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