जबलपुर। अग्निबाण द्वारा 14 नवंबर के अंक में इस बात को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था कि जिस प्रकार से रांझी थानाक्षेत्र में हर एक-दो दिन में बड़े से बड़े अपराध घटित हो रहे हैं। इसे लेकर आमजन में आक्रोश का माहौल व्याप्त है। पिछले कुछ महिनों में ही क्षेत्र में दहशत का माहौल इस कदर छाया हुआ है कि जहां स्कूल की छात्राएं स्कूल जाने से भी डर रहीं हैं। हाल ही में रांझी क्षेत्र निवासी एक स्कूली छात्रा अभिलाषा जैन द्वारा आग लगाकर खुद को मौत के हवाले करने की घटना सामने आई है।
अभिलाषा के परिजनों का पुलिस पर आरोप है कि जब छेडख़ानी की घटना को लेकर बच्ची अपने परिजनों के साथ थाने पहुंची तो पुलिस ने दूसरे पक्ष की तरफ से अभिलाषा के पिता पर ही हरिजन एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर दिया था। जिसका जिक्र बकायदा पुलिस ने अपने प्रेस ब्रीफिंग में किया। इससे व्यथित और डरकर अभिलाषा घर वापस लौट आई थी। लेकिन शौहदौ ने यहां भी छात्रा का पीछा नहीं छोड़ा और घर में घुसकर मारपीट कर दी और बच्ची के पिता को जान से भी मार देने की धमकी दे डाली थी। जिसको लेकर छात्रा फिर से जब थाने पहुंची तो महिला एसआई महिला रघुवंशी ने एफआईआर न करते हुए अभिलाषा को सलाह दे डाली की क्या करोगी एफआईआर करके। अपने साथ अपनी बहनों का भी जीवन खराब कर दोगी। यह सुनकर अभिलाषा अंदर ही अंदर टूट गई और घर वापस आकर उसने खुद को आग लगा ली। घटना के बाद आज क्षेत्र में माहौल यह है की स्कूल की बच्चियां और कॉलेज की छात्राएं घर से बाहर निकलने में भी डर रही हैं।
थाना प्रभारी और सीएसपी को लेकर जनता में आक्रोश
अगर आंकड़े देखे तो रांझी थाना क्षेत्र में सबसे अधिक अपराधिक घटनाएं घटित हुई हैं। नवरात्र से लेकर गत दिवस तक रांझी थानाक्षेत्र अंतर्गत अपराधों का ग्राफ बढ़ता ही गया है। कुछ माह पहले थाना प्रभारी का पद्भार सम्हाल रहे विजय परस्ते को रांझी थाने का प्रभारी बनाया गया था। थाना प्रभारी विजय परस्ते ने ग्वारीघाट थानाक्षेत्र तो बखूब ही सम्हाला था। लेकिन रांझी थाने में अपराधों को रोकने में वे पूर्ण रूप से नाकाम साबित हो रहे हैं। चाहे नवरात्र में गोली चालन की घटना हो या प्लाटून कमांडर के पुत्र की सरेराह हत्या, या बदमाशों द्वारा व्यापारी की नृशंस हत्या कर देना। अपराधी बेखौफ होकर बिना पुलिस के डर के इन वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। या फिर स्कूली छात्रा द्वारा छेड़छाड़ से तंग आकर आग लगाने की घटना। हैरानी की बात है कि रांझी थाने मेें बेपटरी हुई कानून व्यवस्था के बाद भी पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौन धारण किये हुए हैं।
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