श्रीनगर (Srinagar)। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला (National Conference President Dr. Farooq Abdullah) की ओर से शनिवार को जम्मू में उनके निवास पर सर्वदलीय बैठक (all party meeting) बुलाई गई। बैठक में विभिन्न विपक्षी पार्टियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया जबकि पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (PDP President Mehbooba Mufti) इस बैठक में हिस्सा नहीं ले पाईं और न ही भाजपा नेता इस बैठक में शामिल हुए।
सर्वदलीय बैठक को डॉ फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि आज व्यापारी वर्ग और विभिन्न राजनीतिक दलों ने जम्मू बंद की कॉल दी थी। नौकरियों के लिए युवा प्रदर्शन कर रहे हैं और उन पर लाठीचार्ज किया जा रहा है। प्रदेश में एक दिन कुछ कानून बनाए जाते हैं और फिर कुछ दिनों बाद उन कानूनों को बदल दिया जाता है।
नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि क्या ‘आप देश के 24 करोड़ मुस्लिमों को चीन भेज देंगे?’ उन्होंने केंद्र सरकार से देश को धार्मिक आधार पर नहीं बांटने को कहा है। घाटी में गैर-बीजेपी दलों की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद जम्मू में मीडिया को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि समुदायों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा नहीं किया जाना चाहिए। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “डर और नफरत की राजनीति नई नहीं है। वे 22-24 करोड़ मुसलमानों का क्या करेंगे? क्या वे उन्हें समुद्र में फेंक देंगे या उन्हें चीन भेज देंगे?
ऐसे में प्रदेश का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली जाएगा। वहां राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात कर उनके सामने प्रदेश के हालातों को उजागर करेगा। प्रदेश में पूर्ण राज्य का दर्जे के लिए विधानसभा चुनाव की मांग को उठाया जाएगा। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से भी मिलेगा। इसके बाद फिर बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
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