नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के लिए शराब नीति केस गले का बड़ा फांस बन चुकी है. अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जैसे AAP के शीर्ष नेता इस मामले में पहले से जेल में हैं. वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ED) अब धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत आम आदमी पार्टी को ही मुख्य आरोपी बनाने की तैयारी में है. सूत्रों के अनुसार पता चला है कि ईडी की इस तरह की कार्रवाई से एजेंसी के लिए AAP के खातों और संपत्तियों को कुर्क करने का रास्ता साफ हो जाएगा.
ईडी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कांग्रेस की तरह AAP के भी बैंक खाते सीज़ किए जा सकते हैं, हालांकि दोनों ही मामलों में कारण अलग-अलग हैं. आयकर विभाग ने जहां कांग्रेस के वित्तीय प्रबंधन में कथित विसंगतियां पाने के बाद उसका खाता सीज़ किया है, जबकि ईडी के मुताबिक, AAP पीएमएलए के तहत एक आरोपी है और ऐसे में निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार कदम उठाते हुए एजेंसी उसकी संपत्ति और खातों को अटैच कर सकती है. अगर ऐसा होता है तो विपक्षी इंडिया गठबंधन के दो बड़े दलों को पैसों की तंगी से जूझना पड़ सकता है.
ईडी ने ‘ग्राउंड फॉर अरेस्ट’ रिपोर्ट और रिमांड एप्लिकेशन में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले के ‘प्रमुख साजिशकर्ता’ और “किंगपिन” के रूप में नामित किया है. मामले की जांच में शामिल एक वरिष्ठ ईडी अधिकारी ने बताया कि निदेशालय मई तक आरोप पत्र दाखिल कर सकता है, जिसमें केजरीवाल और बीआरएस नेता के. कविता के अलावा पांच अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया जाएगा.
बताया जाता है कि प्रवर्तन निदेशालय के पास हवाला ऑपरेटर्स और स्थानीय कारोबारियों के बीच हुई चैट और मैसेज का डिटेल भी है, जिन्होंने कथित तौर पर गोवा चुनाव के दौरान प्रचार अभियान के लिए पेमेंट प्राप्त किया था. ईडी अधिकारी ने कहा, ‘उनके बीच बातचीत के डिटेल से पता चलता है कि पैसा हवाला चैनलों के जरिये दिल्ली से गोवा तक कैसे पहुंचा. यहां कुछ पेमेंट नकद और कुछ चेक के रूप में किया गया था. हमने ‘गिरफ्तारी के लिए आधार’ और रिमांड आवेदन में इसकी पूरी डिटेल दी है. आरोपपत्र के साथ और भी सबूत एवं दस्तावेज संलग्न किए जाएंगे.’
ईडी के एक वरिष्ठ वकील के अनुसार, ‘ईडी, तय कानून के अनुसार अपराध की आय को अटैच कर सकता है. जांच से पता चला कि गोवा में चुनाव प्रचाक और अन्य राजनीतिक गतिविधियों के फंडिंग के लिए इस्तेमाल किया गया पैसा शराब नीति घोटाले से आया था, जिसकी पिछले दो वर्षों से जांच चल रही है. यह भी स्थापित किया गया है कि आप के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा नीति निर्माण और संबंधित कार्रवाइयां पीएमएलए के तहत आती हैं और ये संज्ञेय अपराध हैं.’
एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पीएमएलए की धारा 70(1) के तहत, जिस पार्टी ने अपराध की आय का आनंद लिया या इस्तेमाल किया, उसकी संपत्ति पीएमएलए की प्रक्रिया के अंतर्गत आती है. वह बताते हैं कि इस अधिनियम के उल्लंघन का दोषी माने जाने पर उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए दंडित किया जाएगा.’
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