भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों (Madhya Pradesh Assembly Elections) के लिए टिकट तय होने लगे हैं। भाजपा, सपा, बसपा और आप ने तो अपने उम्मीदवारों की पहली सूची (first list of candidates) भी जारी कर दी है। उसके प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार में जुट गए हैं। इससे राष्ट्रीय स्तर पर एकजुटता दिखा रही विपक्षी पार्टियों के गठबंधन I.N.D.I.A. यानी इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस (Indian National Development Inclusive Alliance) की पोल खुल गई है। यह अभी से साफ हो गया है कि मध्य प्रदेश में विपक्षी गठबंधन में शामिल अलग-अलग ही चुनाव लड़ेंगे।
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव नवंबर-दिसंबर में होंगे। इसके लिए भाजपा, सपा, आप और बसपा ने उम्मीदवारों की एक-एक सूची जारी कर दी है। प्रदेश में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी के अपने पॉकेट्स हैं, जहां वह कुछ सीटों को हासिल करने की स्थिति में हैं। वहीं, कांग्रेस 2018 में यहां सरकार बनाने में कामयाब हुई थी। ऐसे में वह तो किसी पार्टी से समझौता नहीं करने वाली, यह भी साफ हो गया है। भाजपा और कांग्रेस समेत तमाम दलों के नेता कह चुके हैं कि मध्य प्रदेश में विपक्षी पार्टियों का गठबंधन नहीं होगा।
प्रदेश की छतरपुर की बिजावर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी से राजेश कुमार शुक्ला ने चुनाव जीता था, लेकिन अब वह भी भाजपा में शामिल हो गए। सपा उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे पन्ना, छतरपुर, भिंड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, सतना, रीवा में प्रभाव होने का दावा करती है। इस पर पार्टी के पदाधिकारियों ने 13 जिलों की 57 सीटों को ए ग्रेड में रखा है। अब तक पार्टी की तरफ से 7 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामायण सिंह पटेल का कहना है कि अभी हमारे यहां गठबंधन जैसी कोई बात नहीं दिख रही है। हम सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे है। इसके बाद हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष पर सबकुछ निर्भर है।
आम आदमी पार्टी विंध्य क्षेत्र में तेजी से बढ़ी है। सिंगरौली में पार्टी की महापौर है। पार्टी ने 10 उम्मीदवारों का एलान किया है। अरविंद केजरीवाल भी लगातार सभाएं ले रहे हैं। सतना के बाद रीवा में 18 सितंबर को रैली होने वाली है। आप की प्रदेश अध्यक्ष और सिंगरौली की महापौर रानी अग्रवाल का कहना है कि हम पूरी ताकत के साथ अकेले ही चुनाव लड़ेंगे। सभी 230 सीटों पर प्रत्याशी उतारेंगे। दूसरी सूची भी दो से तीन दिनों में जारी हो जाएगी। गठबंधन को लेकर हमें कोई संभावना नहीं दिख रही है। प्रदेश में सपा, आम आदमी पार्टी कई सीटों पर मजबूत है। ऐसे में गठबंधन नहीं होने का नुकसान कांग्रेस को ही होगा। चुनाव में सपा और आदमी पार्टी के उत्तीदवार चुनाव भले ही नहीं जाते, लेकिन वोट काटने का नुकसान कांग्रेस को भुगताना होगा।
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