नई दिल्ली (New Delhi)। धीरे-धीरे आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की परतें खुलती जा रही हैं। दिल्ली शराब घोटाले (Delhi liquor scam) में अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए जिस पैसे का इस्तेमाल किया गया था, उसका इस्तेमाल गोवा में चुनाव प्रचार के लिए किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) के अधिकारियों ने इसमें शामिल लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, और इससे आम आदमी पार्टी (आप) के लिए भविष्य में चुनाव जीतना कठिन हो जाएगा।
दिल्ली के शराब घोटाले में जांच एजेंसियों का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। एक के बाद एक आरोपियों की गिरफ्तारी हो रही है। इस क्रम में गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय ने एक एडवरटाइजिंग कंपनी के मालिक को गिरफ्तार किया है।
आरोप है कि शराब घोटाले में मिली रिश्वत रकम इन तक पहुंची थी। एक दिन पहले ही सीबीआई ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के पूर्व सीए को गिरफ्तार किया है। 2021-22 के लिए बनी एक्साइज पॉलिसी में निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाकर 100 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है। सीबीआई और ईडी की ओर से दर्ज किए गए केस में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी आरोपी हैं।
बताया जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चैरियट प्रॉडक्शन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के मालिक राजेश जोशी को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि जोशी ने गोवा विधानसभा चुनाव के लिए शराब घोटाले में मिली रिश्वत को प्राप्त किया था। हाल ही में ईडी की ओर से दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट में ईडी ने दावा किया है कि शराब घोटाले से मिली रकम का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी (आप) ने गोवा विधानसभा चुनाव में भी किया।
बुधवार को ही मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने पंजाब के कारोबारी गौतम मल्होत्रा को गिरफ्तार किया, जो शिरोमणि अकाली दल के पूर्व विधायक और शराब कारोबारी दीप मल्होत्रा के बेटे हैं। सीबीआई ने हैदराबाद के सीए और के कविता के पूर्व ऑडिटर बुचिबाबू गोरांटला को भी गिरफ्तार किया है। घोटाले के आरोपों पर सीबीआई और ईडी की जांच शुरू होने के बाद पिछले साल केजरीवाल सरकार ने शराब नीति को वापस ले लिया था। आबकारी विभाग संभालने वाले मनीष सिसोदिया, ‘आप’ के कुछ नेता, अफसर और शराब कारोबारी जांच एजेंसियों की रडार पर हैं।
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