नई दिल्ली: हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन होगा या नहीं? अभी सस्पेंस बरकरार है. गठबंधन पर कभी हां तो कभी ना ने सियासी हलचल और बढ़ा दी है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर प्रेशर पॉलिटिक्स जारी है. इस बीच आम आदमी पार्टी ने अपना अपनी तरकश से आखिरी तीर चल दिया है. हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने ऐसा आखिरी दांव चला है, जिससे अमेरिका में बैठे राहुल गांधी का गेम प्लान पर पानी फिर सकता है. आम आदमी पार्टी को अब केवल तिहाड़ जेल में मौजूद अरविंद केजरीवाल के सिग्नल का इंतजार है. इसके बाद हरियाणा में आम आदमी पार्टी कैसे चुनाव लड़ेगी, यह तस्वीर साफ हो जाएगा.
दरअसल, हरियाणा में गठबंधन की कवायद के बीच आम आदमी पार्टी ने साफ कह दिया है कि वह अकेले चुनाव लड़ने को पूरी तरह से तैयार है. हरियाणा चुनाव को लेकर AAP और कांग्रेस के बीच गठबंधन की चर्चा पर संजय सिंह ने साफ कह दिया कि अब हमारे पास समय कम बचा है. नामांकन की तारीख 12 सितम्बर है, हमारे पास भी समय नहीं है. सभी सीटों पर आम आदमी पारर्टी की पूरी तैयारी है. आलाकमान के फैसले का इंतजार है और उसके बाद जल्द ही कैंडिडेट लिस्ट जारी कर दी जाएगी. हरियाणा में हमारा संगठन काफी मजबूत है. यहां बताना दिलचस्प है कि कांग्रेस ने अब तक 41 सीटों पर अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है.
संजय सिंह ने कहा, ‘आम आदमी पार्टी की हरियाणा में पूरी तैयारी है. उम्मीदवार घोषित करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. जैसे ही उन्हें पार्टी के सुप्रीमो से इजाजत मिलती है. आम आदमी पार्टी की सूची जारी कर दी जाएगी. जो लोग संगठन का काम जमीन पर कर रहे हैं, वह लोग अरविंद केजरीवाल से चर्चा करके इस मुद्दे पर आगे बढ़ेंगे. संदीप पाठक और सुशील गुप्ता हरियाणा का काम देख रहे हैं और उनकी तैयारी पूरी है.’ माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन पर आज का दिन बेहद अहम है.
संजय सिंह के अलावा, आम आदमी पार्टी (आप) की हरियाणा इकाई के प्रमुख सुशील गुप्ता ने भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है. सुशील गुप्ता ने कहा कि अगर कांग्रेस पांच अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए उसके साथ गठबंधन को अंतिम रूप देने में विफल रहती है तो पार्टी आज शाम तक सभी 90 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी. गुप्ता ने भी कहा कि हरियाणा में आप का हर कार्यकर्ता सभी 90 विधानसभा सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ने के लिए तैयार है.
अब समझते हैं कि आखिर पेच कहां फंसा है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच अब तक गठबंधन न होने की वजह है सीटों की संख्या. सूत्रों ने बताया कि आम आदमी पार्टी जितनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है उनकी संख्या को लेकर दोनों पार्टियों के बीच बातचीत अटकी हुई है. हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 4 से 5 सीटें देने को तैयार है, जबकि आम आदमी पार्टी 10 सीटों पर अड़ी है. राहुल गांधी चाहते हैं कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जाए, ताकि हरियाणा से भाजपा की विदाई हो सके. मगर अब तक जो प्रेशर पॉलिटिक्स दिख रही है, उसमें राहुल के गेम प्लान पर पानी फिरता नजर आ रहा है.
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