नई दिल्ली: दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को राउज एवेन्यू कोर्ट से राहत नहीं मिली। कोर्ट ने गुरुवार को उनकी न्यायिक हिरासत 4 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी है। कोर्ट ने संजय सिंह की नियमित जमानत की अर्जी पर सुनवाई के दौरान उन्हें जेल में इलेक्ट्रिक केतली देने की इजाजत दे दी है। ईडी ने कोर्ट को बताया कि मामले में जल्द ही सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जाएगी। इससे पहले संजय सिंह की कस्टडी 10 नवंबर को 24 नवंबर तक के लिए बढ़ाई गई थी। जिसे अब फिर से 4 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) और संजय सिंह के पक्ष को सुनने के बाद अदालत ने उन्हें फिर से जेल भेज दिया।
ED ने 4 अक्टूबर को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संजय सिंह के सरकारी आवास पर छापेमारी की थी। ईडी ने संजय सिंह से कई घंटों की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। 8 दिन तक ईडी कस्टडी में पूछताछ के बाद उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया था। इस दौरान कई बार हिरासत की तारीख खत्म होने पर संजय सिंह ने कोर्ट में जमानत की लगाई, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। वहीं, संजय सिंह ने ट्रायल कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है, जिस पर शनिवार को सुनवाई हो सकती है। दिल्ली शराब नीति मामले में ही दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी जेल में हैं।
दिल्ली सरकार आबकारी नीति लागू होने में हुई गड़बड़ी होने आरोपों के बीच सितंबर 2022 में इसे वापस ले लिया था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) का दावा है कि दिल्ली शराब नीति में कई डीलरों को फायदा पहुंचाने के लिए कथित तौर पर रिश्वत ली गई है। इस पैसे का इस्तेमाल पार्टी के लिए किया गया है। ईडी का आरोप है कि संजय सिंह आबकारी नीति को बनाने में उनकी भी अहम भूमिका थी और वह रिश्वत के लेन-देन से जुड़े हुए थे। इन आरोपों को आम आदमी पार्टी खारिज करते आ रही है। ‘आप’ का कहना है कि केंद्र सरकार सियासी फायदे के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। वहीं, बीजेपी का कहना है कि जांच एजेंसी सबूत के आधार पर कार्रवाई करती है।
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