नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी के सांसद (AAP MP) राघव चड्डा (Raghav Chadha) को राज्यसभा से (From Rajya Sabha) निलंबित कर दिया गया (Suspended) । राघव चढ़ा विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित रहेंगे। आपको बता दे की अमानवीय व्यवहार के कारण आप सांसद संजय सिंह को पहले ही निलंबित कर दिया गया था।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा मैं राघव चड्ढा को परिषद की सेवा से तब तक निलंबित करता हूं जब तक परिषद को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट का लाभ नहीं मिल जाता है। दरअसल, सदन में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक-2023 पर चर्चा के दौरान राघव चड्ढा ने प्रस्ताव दिया गया था कि बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए।
उनके इस प्रस्ताव में सुधांशु त्रिवेदी, नरहरि अमीन, थंबीदुरई, सस्मित पात्रा व नगालैंड के सांसद फांगनोन कोन्याक का नाम भी था। इनमें से अधिकांश सांसदों ने कहा कि उन्होंने इस प्रस्ताव पर साइन ही नहीं किया। सांसदों ने आरोप लगाया कि दिल्ली सेवा संबंधी विधेयक को लेकर प्रस्तावित प्रवर समिति में उनके नाम का प्रस्ताव बिना उनकी सहमति के किया गया था।
राघव पर लगे इन आरोपों पर बुधवार को राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति की बैठक हुई। यह बैठक समिति के अध्यक्ष व राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण के कक्ष में हुई। नोटिस जारी कर राघव चड्ढा से पूछा गया है कि क्यों न उनपर विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई की जाए। बीजेपी के कई सांसदों ने आरोप लगाया कि दिल्ली सेवा संबंधी विधेयक को प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश करने के दौरान राघव ने फर्जीवाड़ा किया है। सोमवार को राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह विधेयक पेश किया था। जिसे राज्यसभा ने पारित कर दिया है।
इसी बिल पर चर्चा के दौरान राघव चड्ढा ने यह एक प्रस्ताव दिया था। दिल्ली सेवा बिल सेलेक्ट कमेटी को भेजने वाले उनके प्रस्ताव में सुधांशु त्रिवेदी, नरहरि अमीन, थंबीदुरई, सस्मित पात्रा, नगालैंड के सांसद फांगनोन कोन्याक का नाम था। इनमें से कुछ सांसदों ने सोमवार रात ही सदन की कार्रवाई के दौरान बताया था कि उन्होंने इस पर साइन ही नहीं किया है।
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