नई दिल्ली । प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने आप नेता (AAP leader) विजय नायर (Vijay Nair) और हैदराबाद के व्यवसायी (Hyderabad-based Businessman) अभिषेक बोइनपल्ली (Abhishek Boinapalli) को मनी लॉन्ड्रिंग जांच के लिए (For Money Laundering Investigation) गिरफ्तार किया (Arrested) । आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी है।
इससे पहले, दोनों को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था और पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। अदालत में उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई होगी। केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा उन्हें इसी मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद से दोनों फिलहाल जेल में हैं। सीबीआई ने बोइनपल्ली को दिल्ली की जीएनसीटीडी की आबकारी नीति बनाने और लागू करने के आरोप में गिरफ्तार किया। सीबीआई के अनुसार बोइनपल्ली दक्षिण भारत में स्थित कुछ शराब व्यवसायियों के लिए कथित रूप से लॉबिंग कर रहा था।
हैदराबाद के एक प्रमुख व्यवसायी बोइनपल्ली का नाम जांच के दौरान सामने आया था। उन्हें जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं किया और कथित तौर पर इसे गुमराह करने की कोशिश की। एफआईआर में उनका नाम नहीं था। दिल्ली के जोर बाग स्थित व्यवसायी नायर सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने वाले पहले व्यक्ति थे।
विजय नायर इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ है। आम आदमी पार्टी (आप) से जुड़े रहे हैं। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि विजय नायर के जरिए एक शराब फर्म के मालिक से रिश्वत ली गई थी। सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में एफआईआर दर्ज की थी। इस एफआईआर में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत 14 लोगों के नाम हैं।
ईडी ने इससे पहले शराब कंपनी इंडोस्पिरिट के प्रमोटर समीर महंदरू, शराब कंपनी पर्नोड रिकार्ड के महाप्रबंधक बेनॉय बाबू और अरबिंदो फार्मा के पूर्णकालिक निदेशक और प्रमोटर पी सरथ चंद्र रेड्डी को गिरफ्तार किया था। एजेंसी इस मामले में अब तक 169 तलाशी अभियान चला चुकी है। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सीबीआई की एक प्राथमिकी से उपजा है जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एक आरोपी के रूप में नामित किया गया था।
इस मामले पर दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने नौ नवंबर को गिरफ्तार विजय नायर और हैदराबाद के व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली की जमानत याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रख लिया था। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल की अदालत में दोनों पक्षों ने जमानत के लिए दलीलें दी थीं। सीबीआई ने अपने जवाब में जमानत याचिकाओं का विरोध किया और कहा कि जब जांच अभी महत्वपूर्ण चरण में है तो जमानत देना सही नहीं होगा। सीबीआई ने कहा कि अगर अभी जमानत दी गई तो आरोपी सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। अदालत ने फैसला सुनाने के लिए आज की तारीख तय की थी।
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