कोलकाता: आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamta Banerjee) से मुलाकात करने कोलकाता पहुंचे. उनके साथ में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Punjab Chief Minister Bhagwant Singh Mann), आप नेता राघव चड्ढा और आतिशी भी थे. ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी अध्यादेश का विरोध करेगी. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि तीन तरह से बीजेपी विरोधी पार्टियों को परेशान करती है. उन्होंने राज्यसभा में बिल का विरोध करने का ऐलान किया. वहीं ममता बनर्जी ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के पहले भी यह सरकार गिर सकती है.
अरविंद केजरवाल ने कहा कि राज्यपाल का गलत इस्तेमाल कर विरोधी दल को परेशान किया जाता है. उनको बहुत ज्यादा अहंकार हो गया है. जब अहंकार हो जाता है. तो लोग स्वार्थी हो जाते हैं. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश बदल दिया. आठ साल की लड़ाई को अध्यादेश लाकर पलट दिया. यह दिल्ली की लड़ाई नहीं है. बंगाल के राज्यपाल और पंजाब के राज्यपाल भी यही करते हैं.
उन्होंने कहा कि इस अहंकारी सरकार को हटाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि राज्यसभा में गिर जाता है, तो यह लोकसभा चुनाव के पहले सेमीफाइनल हो जाएगा.भगवंत सिंह मान ने कहा कि केवल तीन लोग देश चला रहे हैं. यदि राज्यपाल से लेकर देश चलाया जाता है, तो फिर गणतंत्र की क्या जरूरत है. देश को बचाने और लोकतंत्र को बचाने का सवाल पैदा हो गया है. देश के संविधान को खतरा पैदा कर दिया है. उन्होंने कहा किदेश के संविधान को बदलने की कोशिश कर रहे हैं. अहंकार हमेशा हारता है. भगवान भी अहंकारी की मदद नहीं करता है. भगवंत सिंह मान ने कहा कि देश दुनिया में नंबर एक बनेगा.
ममता बनर्जी ने कहा कि एनआरसी लालू करने की कोशिश की जा रही है. सभी पार्टी को कहेंगे कि एक वोट भी बीजेपी को नहीं दें. सभी अध्यादेश के खिलाफ वोट दें. उन्होंने कहा कि यह देश के लिए खतरनाक बन गया. ममता बनर्जी ने कहा कि 2000 का नोट बंद कर दिया गया. देश का हर आदमी दुखी है. किसान और मजदूर भी दुखी हैं. सब झूठे बोलते हैं. उन्होंने कहा कि डबल इंजन का सरकार ट्रबल इंजन बन जाएगा. हम बीजेपी के खिलाफ लड़ेंगे और देश की रक्षा करेंगे.
वे मंगलवार दोपहर कोलकाता एयरपोर्ट पर उतरे. उनके स्वागत के लिए तृणमूल राज्यसभा सांसद डोला सेन और राज्य के मंत्री सुजीत बोस मौजूद थे. केंद्र द्वारा दिल्ली अध्यादेश की घोषणा के खिलाफ नीतीश केजरीवाल के साथ खड़े थे. शनिवार को आप नेता ने सभी विपक्षी दलों से उनके साथ खड़े होने का आह्वान किया था. ऐसे माहौल में केजरीवाल का मंगलवार को नबन्ना में मुलाकात करना अहम माना जा रहा है.
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