• img-fluid

    दिल्ली सेवा विधेयक पर आप को लग सकता है झटका, राज्यसभा में विपक्ष के पास एकजुटता नहीं

  • August 04, 2023

    नई दिल्‍ली (New Delhi) । राज्यसभा (Rajya Sabha) में सत्ता पक्ष के पास हालांकि बहुमत नहीं है लेकिन इसके बावजूद दिल्ली सेवा विधेयक (delhi service bill) को पारित कराना उसके लिए ज्यादा मुश्किल नहीं होगा। एनडीए और इंडिया (NDA and India) के गठबंधनों से बाहर के छह दलों के राज्यसभा में 28 सांसद हैं, जिनमें से कम से कम तीन दल सरकार को समर्थन का संकेत दे चुके हैं। ऐसे में संख्याबल में मजबूत होने के बावजूद विपक्ष एकजुटता की कमी के चलते कमजोर भूमिका में रहता है।

    राज्यसभा में अभी 238 सदस्य हैं और यदि दिल्ली विधेयक पर वोटिंग के वक्त इनमें से सभी मौजूद रहते हैं तो सरकार को विधेयक पारित कराने के लिए 120 सदस्यों का समर्थन चाहिए। लेकिन एनडीए के पास इस समय अपना संख्याबल 110 सदस्यों का है। हालांकि, तीन निर्दलीयों में से भी एक के समर्थन का दावा किया जा रहा है। फिर भी नौ और सदस्यों की उसे जरूरत है।


    तीन दल बने संकट मोचक
    ऐसे 11 तटस्थ दल हैं, जो किसी गठबंधन में नहीं हैं जिनकी लोकसभा में उपस्थिति है और उनके पास वहां 63 सांसद भी हैं। लेकिन इनमें से छह दलों के पास ही राज्यसभा में सांसद हैं जिनकी संख्या 28 है। इनमें से तीन दलों वाईएसआर कांग्रेस, बीजद और तेदेपा ने दिल्ली से जुड़े विधेयक पर सरकार को समर्थन के संकेत दिए हैं। वाईएसआर कांग्रेस और बीजद के नौ-नौ सदस्य हैं जबकि तेदेपा का एक सदस्य है। इस प्रकार सरकार के पास 19 अतिरिक्त सीटों का जुगाड़ हो गया है।

    विपक्ष की ताकत
    राज्यसभा में विपक्ष यानी इंडिया के पास अभी कुल 97 सीटों का संख्याबल है। तीन निर्दलीयों में से एक एनडीए के साथ जाता है और दो इंडिया के साथ आते हैं तो भी यह संख्या 99 तक ही पहुंचती है। ऐसे में तटस्थ छह दलों के 28 में से 19 सांसद पहले ही एनडीए के साथ जाने के संकेत दे चुके हैं। ऐसे में शेष नौ सदस्य बचते हैं जो विपक्ष का साथ दे सकते हैं। इनमें बीआरएस के सात तथा जेडीएस व बीएसपी के एक-एक सदस्य हैं। लेकिन बीएसपी और जेडीएस को लेकर कहा जा रहा है कि वे या तो सरकार के साथ जाएंगे या तटस्थ रहना पसंद करेंगे। अलबत्ता, बीआरएस इस मामले में इंडिया का तो नहीं लेकिन आप का साथ देने को तैयार है।

    समूचा विपक्ष एकजुट हो तो मुश्किल
    यहां महत्वपूर्ण यह है कि राज्यसभा में असल ताकत विपक्ष के पास है। यदि समस्त विपक्ष एकजुट हो जाए। सभी छह तटस्थ दल इंडिया के साथ आ जाएं तो फिर सरकार के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी। क्योंकि, ऐसे में तब विपक्ष के पास 127 सीटों का संख्याबल होता है। लेकिन राज्यसभा में विपक्ष कभी भी एकजुट नहीं दिखा है।

    एनडीए
    भाजपा-92
    मनोनीत-5
    अन्नाद्रमुक-4
    आरपीआई-1
    एनपीपी-1
    एमएनएफ-1
    टीएमसी (मूपनार)-1
    पीएमके-1
    एजीपी-1
    यूपीपीएल-1
    एसडीएफ-1
    एनसीपी-1 (अजित गुट)
    कुल 110

    तटस्थ दल
    वाईएसआर कांग्रेस-9
    बीजद-9
    बीआरएस-7
    बीएसपी-1
    जेडीएस-1
    टीडीपी-1
    कुल-28

    इंडिया गठबंधन
    कांग्रेस-31
    तृणमूल-13
    आप-10
    डीएमके-10
    आरजेडी-6
    माकपा-5
    जदयू-5
    सपा-3
    शिवसेना-3
    एनसीपी-3
    भाकपा-2
    जेएमएम-2
    आईयूएमएल-1
    एमडीएमके-1
    केसीएम-1
    आरएलडी-1
    कुल-97

    Share:

    मुख्यमंत्री पद को लेकर बोले अशोक गहलोत, 'मैं कई बार सोचता हूं छोड़ना, लेकिन...'

    Fri Aug 4 , 2023
    जयपुर (Jaipur) । राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि वह कई बार मुख्यमंत्री पद छोड़ने की सोचते हैं, लेकिन यह पद उन्हें नहीं छोड़ रहा। साथ ही गहलोत ने आगामी विधानसभा चुनाव (assembly elections) की ओर इशारा करते हुए कहा कि ‘अब आगे देखते हैं […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    गुरुवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved