नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) ने आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी (ed) बीजेपी (bjp) की राजनीतिक शाखा (political branch) की तरह काम कर रहा है। दिल्ली एक्साइज (excise) पॉलिसी की जांच का इरादा पार्टी को फंसाना है। प्रवर्तन निदेशालय (ed) ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। इसमें आम आदमी पार्टी को भी बतौर आरोपी नामजद किया गया है। यह पहली बार है जब मौजूदा मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ पार्टी को मनी लॉन्ड्रिंग केस में नामजद किया गया है। इसी को लेकर आप ने आरोप लगाया कि अब सीएम केजरीवाल और पार्टी की संपत्तियां जब्त की जाएंगी।
‘ईडी का इरादा AAP को फंसाना था’
दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी ने शुक्रवार को कहा कि इस फर्जी जांच की शुरुआत से ही ईडी का इरादा आप को फंसाना था। इसके सभी शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार करना और पार्टी को कुचलना था। आप और सीएम अरविंद केजरीवाल को फंसाने वाली ईडी की चार्जशीट इस बड़ी राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। अब अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की सभी संपत्तियां और बैंक खाते जब्त किए जाएंगे। इससे और अधिक उत्पीड़न और अन्याय होगा।
पार्टी का दावा- जांच में AAP नेताओं से नहीं मिले एक भी पैसे
पार्टी ने कहा कि ईडी के इतिहास में यह पहला मामला है, जहां दो साल से अधिक की जांच, 500 से अधिक छापों और आठ आरोपपत्र दाखिल किए गए। बावजूद इसके आम आदमी पार्टी के किसी भी नेता से एक रुपया बरामद नहीं हुआ है। ईडी का पूरा मामला आरोपी से सरकारी गवाह बने लोगों के बयानों पर आधारित है, जिनमें से सभी का बीजेपी से संबंध है। जब भी अदालतों ने ईडी से इन बयानों की सत्यता के बारे में सवाल किया, एजेंसी के पास कोई जवाब नहीं था।
ईडी की चार्जशीट पर आप ने उठाए सवाल
आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया, ‘अगर कथित दिल्ली शराब घोटाले में अब तक कोई भी पैसा बरामद हुआ है, तो वह 60 करोड़ रुपये हैं जो घोटाले के सरगना शरत रेड्डी ने बीजेपी को दिए हैं। अगर ईडी निष्पक्ष जांच कर रही होती, तो उसने घोटाले में बीजेपी को मुख्य आरोपी बनाया होता। लेकिन दुर्भाग्य से, यह एक राजनीतिक शाखा और बीजेपी के मुखपत्र के रूप में काम कर रही है।
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