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    महज 10 सालों में AAP ने हासिल कर लिया राष्ट्रीय दल का दर्जा, लेकिन अभी भी ‘एक कमी’

  • April 11, 2023

    नई दिल्‍ली (New Delhi) । 26 नवंबर 2012 को अस्तित्व में आई आम आदमी पार्टी (Aap) ने महज एक दशक में जो सफलताएं अर्जित की हैं, वह कई दशकों पुरानी पार्टियों के लिए सपना ही बना हुआ है। भ्रष्टाचार (Corruption) के खिलाफ दिल्ली में हुए अन्ना आंदोलन की कोख से जन्मी पार्टी ने राष्ट्रीय पार्टी (National Party) का दर्जा हासिल कर लिया है। महज 10 सालों में पार्टी की मौजूदगी 4 राज्यों के विधानसभा में है। दो राज्यों में सत्ता, 161 विधायक और 10 राज्यसभा सांसदों वाली पार्टी कांग्रेस और भाजपा के अलावा एकमात्र पार्टी है जिसकी एक से अधिक राज्यों में सरकार है। हालांकि, लोकसभा में पार्टी का अभी प्रतिनिधित्व नहीं है।

    ‘आप’ का गठन 26 नवंबर 2012 को अरविंद केजरीवाल की अगुआई में हुआ। पार्टी पहली बार वर्ष 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में उतरी और 28 सीटों पर जीत हासिल की। दूसरे नंबर पर रहने के बावजूद यहां पार्टी सरकार बनाने में कामयाब रही। राजनीतिक परिस्थितियां ऐसी बनी कि पार्टी ने कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़कर ही उसी के समर्थन से सरकार बना ली। हालांकि, यह सरकार 49 दिन ही चली, लेकिन इसने पार्टी के सत्ता का रास्ता खोल दिया। पार्टी को पहली बार फरवरी 2013 में राज्य स्तरीय दल का दर्जा मिला।


    पार्टी ने दूसरा चुनाव 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव का लड़ा। इस बार इसने 70 में से 67 सीट जीतीं और 5 साल तक सफलतापूर्वक सरकार चलाई। मुफ्त बिजली और मुफ्त पानी जैसे लुभावनी योजनाओं और शिक्षा-स्वास्थ्य पर फोकस करते हुए सरकार चलाने के बाद 2020 में पार्टी ने तीसरी बार दिल्ली में सरकार बनाई। तब 70 में से 62 सीटों पर जीत मिली। इस बीच 2017 में पंजाब में चुनाव लड़ी, लेकिन पार्टी सत्ता से दूर रही लेकिन मुख्य विपक्षी दल बनी। 2022 में पंजाब में 92 विधायकों के साथ बहुमत के साथ सरकार बनाई। फिर गोवा में चुनाव लड़कर दो विधायक जीते। गुजरात चुनाव में आप के पांच विधायक जीते।

    लोकसभा में एक भी सांसद नहीं, दिल्ली से नहीं खुल पाया है खाता
    ‘आप’ भले ही इस समय मुख्य विपक्षी दल बनने की कोशिश में जुटी है, लेकिन लोकसभा में अभी उसका एक भी सांसद नहीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को महज पंजाब की एक सीट पर जीत मिली थी। भगवंत मान के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद यह सीट खाली हो गई और उपचुनाव में संगरूर सीट को पार्टी बरकरार नहीं रख सकी। राज्यसभा में पार्टी के 10 सांसद हैं, लेकिन लोकसभा में अभी प्रतिनिधित्व नहीं है। वहीं, दूसरी ओर पार्टी को इस बात का भी मलाल होगा कि अपने सबसे बड़े गढ़ दिल्ली में भी अभी तक लोकसभा का एक भी सीट नहीं जीत पाई है। विधानसभा में प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली पार्टी को दिल्ली में 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। हालांकि, 2014 में पार्टी के 4 सांसद पंजाब से जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे।

    कहां-कितने विधायक और सांसद
    विधायक
    दिल्ली- 62
    पंजाब-92
    गोवा-02
    गुजरात-05
    सांसद
    लोकसभा-00
    राज्यसभा-10

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