मुंबई। अमेरिका की अकेडेमी ऑफ़ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज़ (American Academy of Motion Picture Arts and Sciences) द्वारा प्रदत्त अकेडमी पुरस्कार, जिसे ऑस्कर पुरस्कार भी कहा जाता है, हर फिल्म के लिए काफी मायने रखता है। हालांकि भारतीय फिल्मों को ऑस्कर (Oscar) बहुत कम या ना के बराबर मिलता है।
एक पुराने इंटरव्यू में बॉलीवुड के रोमांस किंग शाहरुख खान ने ऑस्कर पर अपनी राय देते हुए कहा था, ”लगान’ बेहतरीन तरीके से बनाई गई एक आर्ट और कमर्शियल फिल्म का कॉम्बिनेशन थी लेकिन हमें अपनी फिल्मों का फॉर्मेट बदलना पड़ेगा। अगर मुझे आपकी पार्टी में बुलाया गया है, तो मुझे उस तरह तैयार होना पड़ेगा जैसे आपने मुझे कोड बताया है। मैं अपना ढाई घंटे और पांच गानों वाला कोड नहीं चला सकता। हमें ये बदलना पड़ेगा।”
आमिर ने आगे कहा, ” ‘बेस्ट इंटरनेशनल फीचर’ ऑस्कर्स की सबसे मुश्किल कैटेगरी है क्योंकि जब आप ‘बेस्ट फिल्म’ के लिए कॉम्पिटीशन में उतरते हैं तो उसमें लिमिटेड फिल्में होती हैं, जिसमें हर देश की बेस्ट फिल्म हिस्सा लेती है। भारत में हर साल में 1000 फिल्में बनती है। इस कैटेगरी के लिए पहले आपको उन 1000 फिल्मों को पीछे छोड़ना पड़ता है। फिर आगे की रेस में 80 फिल्में ओर होती हैं। भारत को हर साल नॉमिनेशन इसलिए नहीं मिल पाता क्योंकि वहां दुनिया भर की फिल्में आती हैं।”
बता दें कि सुपरस्टार आमिर खान की ‘लगान’ वो आखिरी फिल्म है जिसे ऑस्कर्स में ‘बेस्ट इंटरनेशनल फीचर’ कैटेगरी में नॉमिनेशन मिला था। इसके बाद से भारत की ओर से कोई भी फिल्म नॉमिनेशन नहीं पा सकी। फिलहाल आमिर अपनी फिल्म ‘लापता लेडीज’ को प्रमोट कर रहे हैं, जिसे अगले ऑस्कर अवॉर्ड्स के लिए भेजा जाएगा।
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