इंदौर। कभी-कभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लिखी गई बातों को भी पुलिस नजरअंदाज कर गलती कर बैठती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया। डेढ़ साल पहले एक रिक्शा चालक की हत्या हुई और पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट होने के बावजूद हत्या का मामला दर्ज नहीं किया। इस लापरवाही के चलते मामले की जांच करने वाले एएसआई और तत्कालीन टीआई पर डीआईजी ने जांच बैठा दी।
डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि बीते साल अप्रैल में एरोड्रम थाना क्षेत्र के वीआईपी रोड की पुटपाथ पर योगेश नामक रिक्शा चालक अधमरा मिला था। पास में पलटा रिक्शा भी मिला था। योगेश की अस्पताल में मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में होमोसाइडल मौत लिखा आया, जिसका मतलब मौत चोट लगने के चलते हुई। जांच अधिकारी एएसआई शीतलप्रसाद मिश्र ने परिजन के बयान लिए। परिजन ने हत्या की शंका से इनकार किया। जांच अधिकारी ने भी लापरवाही बरतते हुए हत्या का प्रकरण दर्ज नहीं किया। अब मामले की जांच हुई तो साफ हुआ कि योगेश की हत्या हुई थी। डीआईजी ने मामले में एसपी पश्चिम को जांच करने को कहा है।
इस मौत का रहस्य खुलेगा तो कई पुलिसवाले उलझेंगे…
पंजाब के दीदारसिंह की मौत भी रहस्य बनी हुई है। उसे रिश्तेदार नरेंद्र कौर और प्रभजोत कौर इंदौर लेकर आए थे। दीदारसिंह की भी यहां संदिग्ध मौत हो गई थी। उसे इंदौर लाने वाले प्रभजोत ने बाले-बाले रीजनल पार्क मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार कर दिया। दीदार के परिजनों को सूचना तक नहीं दी। प्रभजोत और नरेंद्र ने अन्नपूर्णा पुलिस को बयान में पहले बताया कि वे दीदार को जानते ही नहीं, लेकिन यूनिक अस्पताल के रजिस्टर, नगर निगम में बनाए मृत्यु सर्टिफिकेट और मुक्तिधाम में प्रभजोत की साइन साबित करते हैं कि दीदार की मौत का रहस्य इन लोगों ने जानबूझकर छुपाया। इसकी जांच भी दीदार के बेटे विक्रम की शिकायत पर डीआईजी ने बैठाई है। इस मामले में पुलिस की मिलीभगत मिली और लापरवाही हुई तो डीआईजी जांच अधिकारी पर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं। अभी वहां के टीआई सतीश द्विवेदी डीआईजी के आदेश को हलके में ले रहे हैं। वे जांच में भी लापरवाही बरत रहे हैं। जिस दिन डीआईजी ने टीआई से सवाल पूछ लिए तो वे जवाब नहीं दे पाएंगे।
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