नोएडा: आज के समय में फ्लैट का कल्चर तेजी से बढ़ा है. अब लोग बहुमंजिला इमारतों में रहने लगे हैं. ज्यादातर अपार्टमेंट्स में लिफ्ट की सुविधा दी जाती है. लेकिन कई बार ये सुविधा लोगों के लिए खतरनाक साबित होती है. नोएडा के सेक्टर 134 स्थित जेपी विशटाउन क्लासिक सोसाइटी में एक महिला ने अपने लिए दो फ्लैट्स ले रखे हैं. लेकिन बुधवार की रात जब वो अपने एक फ़्लैट से दूसरे तक जाने के लिए लिफ्ट का इस्तेमाल कर रही थी, तब ऐसी घटना हुई कि उसकी सांस अटक गई. दरअसल, लिफ्ट में चढ़ने के बाद अचानक ही वो खराब हो गई. इसकी वजह से महिला करीब डेढ़ घंटे तक लिफ्ट में ही फंसी रही.
यह घटना तब हुई जब लिफ्ट सातवें फ्लोर पर पहुंचने के बाद अटक गई और लिफ्ट का दरवाजा नहीं खुला. घटना की जानकारी मिलते ही सोसाइटी की मेंटेनेंस टीम और पुलिस मौके पर पहुंच गई. हालांकि जब दोनों लिफ्ट को खोलने में असफल रहे तो लिफ्ट कंपनी में संपर्क साधा गया और आखिर में डेढ़ घंटे के बाद महिला को बाहर निकाला गया. लेकिन इन सब के बीच एक सवाल बार-बार पूछा जाता रहा है कि लिफ्ट एक्ट लागू होने के बाद संबंधित बिल्डर या मेंटिनेस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती?
लिफ्ट को खोलने के लिए तुरंत टेक्नीशियन बुलाया गया लेकिन लिफ्ट मैन्युफैक्चरिंग टीम को भी आने में करीब एक घंटा लग गया. मेंटेनेंस टीम ने काफी प्रयास किया लेकिन लिफ्ट खोलने में सफल नहीं हो पाई. आखिरकार, टेक्नीशियन की मदद से करीब डेढ़ घंटे के बाद महिला को सुरक्षित बाहर निकाला गया. इस घटना ने सोसाइटी वालों के बीच चिंता पैदा कर दी है. खासकर सुरक्षा उपायों को लेकर. उन्होंने मेंटेनेस टीम पर भी लापरवाही का आरोप लगाया है.
यह घटना नोएडा में बढ़ती लिफ्ट से जुड़ी घटनाओं का एक और उदाहरण है.खासकर हाईराइज हाउसिंग सोसाइटीज़ में इस तरह की घटनाओं में इजाफा देखने को मिला है. इसके बावजूद, नोएडा में नए लिफ्ट एक्ट को लागू नहीं किया गया है, जिससे लोगों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं. विश टाउन कोसमोस के निवासियों ने मेंटेनेंस टीम और प्रशासन से तुरंत उचित कदम उठाने की मांग की है ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.
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