उज्जैन। आज कल ज्यादातर घरों में पालतू जानवर या फिर पशु-पक्षियों को पालने में रूचि रखते हैं। यहां तक कि कई जगह जलीय जीव जन्तु तक रखने लगे हैं, हालांकि कुछ जानवर या पशु पक्षी ऐसे भी जिन्हें घरों में पालना सख्त मना है। इसी बीच उज्जैन का ऐसा गांव जहां जहां पर घरों में मोर (Peacock) पालने का शौक रखते हैं।
मंगरोला गांव वैसे तो सामान्य ग्रामीण इलाकों की तरह ही है, लेकिन यहां लोग मोर पालने में खूब रूचि रखते है। ये सुंदर दृश्य देखकर हर कोई मुग्ध हो जाता है. ऐसा लगता है मानो रामायणकाल का कोई सीन हो। मोरों (Peacock)को बचाने के लिए इस गांव के लोगों ने मुहिम छेड़ रखी है और प्रदेश का पहला मोर संरक्षण केंद्र खोल दिया है। दाना पानी के साथ साथ घायल मोरों को अस्पताल ले जाने का काम भी ग्रामीण ही करते हैं।
बता दें कि इस गांव की सबसे ख़ास बात है कि ये राष्ट्रीय पक्षी मोर का गढ़ है। इस गांव के घर घर में मोर हैं। इनकी आबादी 600 से ज्यादा हो चुकी है। गांव वालों ने तो यहां मोर (Peacock)संरक्षण केंद्र भी खोल लिया है। यहां तक कि मोरों को बचाने के लिए गांव वालो ने मिलकर पहले पैसा इकट्ठा किया और फिर मोर संरक्षण केंद्र बनाया। हर घरों के बाहर या बगीजों में मोर ही मोर नजर आएंगे।
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