- गाय बैल की हुई शादी-मेहंदी, फेरे, रिसेप्शन भी हुआ-बारात में डीजे पर नाचे बाराती-मांग भरने, मंगलसूत्र पहनाने की रस्म भी हुई
- विवाह समारोह की तरह धूमधाम से आयोजित किया गया कार्यक्रम-चर्चा में रही यह शादी-दूर दूर से आए रिश्तेदार
उज्जैन। श्राद्ध पक्ष में वैसे तो कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है लेकिन कई धार्मिक मान्यताओं को लेकर उज्जैन में हुई अनोखी शादी जिसमें दूल्हा था एक बैल और दुल्हन थी एक गाय। शादी डीजे, बारात, हल्दी, मेहंदी सहित फेरे और आखिरी में रिशेप्शन का भी आयोजन किया गया। उज्जैन शहर में स्थित विष्णुपुरा में तेजाजी धाम मंदिर में हुई एक अनोखी शादी को देखने के लिए सैकड़ों लोगों को जमावड़ा लग गया। शादी हिन्दू परम्परा अनुसार हुई जिसमें एक ढोल, बैंड-बाजा से 1 किलोमीटर लंबी बारात भी निकाली गई। उज्जैन निवासी पैशे से प्रोफेसर डॉ. भवानीशंकर शास्त्री शहर के चारधाम मंदिर के पास कॉलेज में पदस्थ हैं। वे हिन्दू मान्यताओं की कई धार्मिक ग्रंथ सहित विष्णु पुराण पढ़ते रहते हैं।
उन्होंने बताया कि इन किताबों से मुझे ज्ञात हुआ कि श्राद्ध पक्ष में गाय और बैल की शादी कराने से प्रेत योनि से मुक्त होकर 10 पीढ़ी आगे और पीछे तक को स्वर्ग मिलता है। इस कारण शादी का आयोजन किया गया। इस शादी में सुबह से लेकर शाम तक शादी में होने वाले सभी कार्यक्रम एक दिन में ही आयोजित किये गए। शाम को बैल (तेजा) और गाय (पेमल रानी) के फेरे किये गए, जिसके बाद मंदिर में ही रिसेप्शन का भी आयोजन किया गया। सुबह से ही शादी के आयोजन शुरू हो गए थे। परंपरा में साथ मेहंदी के साथ बैल और गाय को तेल चढ़ाया गया जिसके बाद ढोल-ढमाके के साथ डीजे पर तेजा की बारात निकली जिसमें तेजा बैल को सजाकर निकाला गया। बारात में बाराती डीजे पर नाचते गाते गाय (पेमल रानी) के माता-पिता बने शुक्ला परिवार के घर पहुँचे यहाँ पर बारातियों का स्वागत फूलों की वर्षा से किया गया। विवाह समारोह में रिसेप्शन का आयोजन भी किया गया था जिसमें सभी रिश्तेदार और पारिवारिक लोगों के साथ उज्जैन के अन्य परिचित विवाह समारोह में शामिल हुए।