खगोलीय घटनाओं (Astronomical events) में रूचि रखने वाले वाले लोगों के लिए आज का दिन बेहद खास होने वाला है। साल की सबसे लंबी रात पर उन्हें करीब 400 सालों में घटित होने वाली अनूठी खगोलीय घटना का गवाह होने का मौका मिलेगा जब हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति और शनि (Planets Jupiter and Saturn) एक दूसरे के बेहद करीब आ जाएंगे। पिछली बार ये खगोलीय घटना महान खगोलविद गैलिलियो काल में वर्ष 1623 में घटित हुई थी। दोबारा ये घटना 24वीं शताब्दी में होगी।
वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला के खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि सूर्यास्त के बाद दक्षिण पश्चिम दिशा में खगोलीय घटना को नंगी आंखों से साफ तौर पर देखा जा सकेगा जब बृहस्पति और शनि तारों की तरह चमकते हुए नजर आएंगे। विज्ञान की भाषा में इसे ग्रेट कंजक्शन की संज्ञा दी गई है। कई जगह इसे क्रिसमस स्टार भी कहा जाता है।
उन्होंने बताया कि सौरमंडल में दो बड़े ग्रहों का नजदीक आना बहुत दुर्लभ नहीं है। यानी अपने जीवन काल में दोबारा किसी मनुष्य या उसकी कई पुश्तों को इस घटना को देखने का मौका नहीं मिलने वाला है।अगर मौसम स्थिति अनुकूल रहती है तो ये आसानी से सूर्यास्त के बाद दुनिया भर से देखे जा सकते हैं।
397 साल बाद फिर नजदीक आएंगे बृहस्पति और शनि
खगोलविद ने बताया कि इससे पहले जुलाई, 1623 में दोनों ग्रह इतने करीब आए थे लेकिन सूर्य के नजदीक होने की वजह से उन्हें देख पाना लगभग असंभव था। वहीं, उससे पहले मार्च, 1226 में दोनों ग्रह करीब आए थे और इस घटना को धरती से देखा जा सकता था। इसके बाद से अब तक पहली बार हो रहा है जब यह खगोलीय घटना हो रही है और इसे देखा भी जा सकता है।
धरती से कई करोड़ किलोमीटर दूर होगी घटना
खगोलविद ने बताया खगोलीय घटना के दौरान धरती से शनि गृह की दूरी 161.94 करोड़ किलोमीटर दूर होगी। वहीं धरती से बृहस्पति की दूरी 88.63 करोड़ किलोमीटर दूर होगी।
क्यों होता है ग्रेट कंजक्शन
व्राटिनों टेक्नोलॉजी के खगोलविद सचिन ने बताया कि सौर मंडल का पांचवां ग्रह बृहस्पति और छटा ग्रह शनि निरंतर सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं। गुरु की एक परिक्रमा लगभग लगभग 11.86 साल में हो पाती है तो शनि को लगभग 29.5 साल लग जाते हैं। परिक्रमा समय के इस अंतर के कारण लगभग हर 19.6 साल में ये दोनों ग्रह आकाश में साथ दिखने लगते हैं, जिसे ग्रेट कंजक्शन कहा जाता है।
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