इंडियन एकेडमी आफ हाईवे इंजीनियरिंग के प्रतिनिधियों ने देखा इंदौर-अकोला हाईवे का काम
इंदौर। केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन काम करने वाली इंडियन एकेडमी आफ हाईवे इंजीनियरिंग (Indian Academy of Highway Engineering) ने अपने इंजीनियरों को इंदौर के पास बन रही सुरंगों का काम देखने भेजा। दो दिन उन्होंने इंदौर में रहकर इंदौर-अकोला हाईवे प्रोजेक्ट के तहत बनाई जा रही दोनों सुरंगों का बारीकी से मुआयना किया। दल में नई दिल्ली, केरल, उत्तर-पूर्वी राज्यों, जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ जैसे राज्यों के इंजीनियर शामिल थे। दल को सिमरोल और बाईग्राम में बनाई जा रही सुरंगें दिखाई गईं। नेशनल हाईवेज अथॉरिटी आफ इंडिया (एनएचएआई) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल ने इंजीनियरों को दोनों सुरंगों के आकार-प्रकार और अन्य तकनीकी जानकारियां दीं। इससे पहले अफसरों को प्रेजेंटेशन के माध्यम से इंदौर और आसपास के क्षेत्र में चल रही हाईवे परियोजनाओं की विस्तार से जानकारी दी गई। एकेडमी ने इंजीनियरों की मिड कॅरियर ट्रेनिंग के लिए इंदौर को चुना था। दल में शामिल इंजीनियर अधीक्षण और मुख्य अभियंता के रूप में पदोन्नत होने वाले हैं।
इंजीनियरों ने पूछा- उत्तराखंड से ये पहाड़ अलग कैसे…
निरीक्षण के दौरान मेहमान अफसरों ने स्थानीय अफसरों से पूछा कि अकोला हाईवे के बीच स्थित पहाड़ उत्तराखंड के पहाड़ों से अलग कैसे हैं। इस पर प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने उन्हें बताया कि हिमालयीन रेंज के पहाड़ नए हैं, जबकि यहां के पहाड़ विंध्य, सतपुड़ा और अरावली रेंज के हैं। ये पहाड़ स्थिर रहते हैं और दरकते नहीं। यही वजह है कि उत्तराखंड की तुलना में यहां काम करने में खतरा ज्यादा नहीं है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved