उज्जैन। 22 जुलाई को श्रावण मास की बाबा महाकाल की पहली सवारी निकलेगी। सवारी की पालकी की सुरक्षा के लिए रस्सा घेरे को 50 पुलिस जवानों की टीम इस काम को संभालेगी। इस काम में काफी मशक्कत और मेहनत लगती है।
अपनी प्रजा का हाल जानने अगले सोमवार को राजा महाकाल नगर भ्रमण पर शाही पालकी में बैठकर निकलेंगे। इस पालकी की सुरक्षा के लिए पुलिस विभाग द्वारा रस्सा पार्टी बनाई जाती है। इस वर्ष भी पुलिस विभाग द्वारा इस पार्टी का गठन कर दिया गया है, इसमें 50 जवान ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। इस सुरक्षा घेरे में पालकी के अलावा जनरेटर, कहार और पंडे पुजारी तथा पुलिसकर्मी एवं व्यवस्थापक मौजूद रहते हैं। पूरी भीड़ में पालकी कहीं डोले और गिरे नहीं इसका पूरा जिम्मा कहार और इन सब पुलिस कर्मियों पर ही रहता है। 5 किलोमीटर के लंबे मार्ग पर अब श्रावण एवं भादो मास की हर सवारी में बहुत भीड़ रहती है, और हर कोई पालकी को छूना चाहता है। ऐसे में रस्सा पार्टी के पुलिस कर्मियों को खासी मशक्कत करना पड़ती है। इस काम में पुलिस कर्मियों के हाथ भी छिल जाते हैं और मोच भी आ जाती है। लेकिन यह सब बाबा महाकाल के प्रति अपनी भक्ति भाव को दिखाते हुए समर्पित मन से ड्यूटी निभाते हैं। आईजी संतोष कुमार सिंह इन सब रस्सा पार्टी के पुलिस कर्मियों को महाकाल का दूत कहकर पुकारते हैं। अलग-अलग जिलों और थानों से ताकतवर मजबूत पुलिस कर्मियों का चयन कर इस रस्सा पार्टी में रखा जाता है। इस बार भी यह सब प्रक्रिया हो चुकी है रस्सा पार्टी नए रूप में दिखेगी।
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