पटना । जेडीयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री अशोक चौधरी के एक बयान (A statement by senior JDU leader and Minister Ashok Chaudhary) ने बिहार की राजनीति में (In Bihar Politics) हलचल मचा दी (Created Stir) । चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना “मानस पिता” कहते हुए उनके प्रति गहरी निष्ठा व्यक्त की, साथ ही इस बात का भी जिक्र किया कि नीतीश कुमार ने उन्हें दो बार बिना सदन का सदस्य रहते हुए मंत्री पद से नवाज़ा है। इस बयान पर राजनीति उफान पर आ गई है और आरजेडी ने इसे लेकर तंज कसते हुए जेडीयू में विद्रोह की स्थिति का संकेत दिया है।
अशोक चौधरी ने अपने बयान में नीतीश कुमार के प्रति अपनी वफादारी और उनके द्वारा मिले सम्मान का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “मैं नीतीश कुमार को अपना मानस पिता मानता हूं। राजनीति में मुझे सबसे ज्यादा सम्मान नीतीश कुमार ने ही दिया है।” चौधरी ने यह भी बताया कि 1952 के बाद शायद यह पहली बार हुआ है कि किसी दलित नेता को बिना सदन का सदस्य रहते हुए मंत्री पद दिया गया हो।
चौधरी के इस बयान पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने चुटकी लेते हुए कहा कि जेडीयू के अंदर खेल शुरू हो चुका है और अब पार्टी में विद्रोह की स्थिति बन रही है। तिवारी ने कहा, “अशोक चौधरी के ट्वीट से जेडीयू में घमासान मच गया है। यह तो सिर्फ ट्रेलर है, पूरी पिक्चर अभी बाकी है।” उनके इस बयान से जेडीयू के भीतर गहरे आंतरिक मतभेदों की ओर इशारा किया जा रहा है।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद अशोक चौधरी को मुख्यमंत्री हाउस तलब किया गया, जिससे स्थिति और भी नाजुक हो गई है। जेडीयू के भीतर असंतोष और विद्रोह की चर्चा जोरों पर है, और चौधरी का यह बयान आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में और बड़े मोड़ ला सकता है।
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