इंदौर। इंदौर पुलिस ने जहां गुंडा तत्वों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की, वहीं महिला अपराधों की रोकथाम और उस पर नजर रखने के लिए 40 महिला कमांडो का दस्ता तैयार किया जा रहा है। इन महिला कमांडो को मार्शल आर्ट से लेकर महिला अपराध से संबंधित कानूनों की जानकारी भी दी जा रही है। गरीब बस्तियों के साथ अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में यह महिला कमांडो तैनात की जाएंगी। इन्हें विशेष ड्रेस भी उपलब्ध कराई जा रही है। त्योहारों, मेले या अन्य अवसरों पर भी इन महिला कमांडो की ड्यूटी लगाई जाएगी। इन दिनों इन महिला कमांडो को प्रशिक्षित किया जा रहा है और सामुदायिक पुलिसिंग के तहत दस्ता तैयार किया जा रहा है, जो महिलाओं से संबंधित अपराध होने पर अपनी ओर से थाने पर सूचना देने और एफआईआर दर्ज कराने की जिम्मेदारी भी निभाएंगी।
वैसे तो शहर में महिला थाने के साथ-साथ महिला पुलिसकर्मी भी थानों पर तैनात हैं, मगर यह महिला कर्मचारी रोजमर्रा के कामकाज और ड्यूटी में ही व्यस्त रहती हैं। लिहाजा अलग से महिला कमांडरों का दस्ता तैयार करने के आइडिए पर अमल किया जा रहा है। आईजी हरिनारायणचारी मिश्र के मार्गदर्शन में पिछले दिनों डीआईजी मनीष कपूरिया ने भी महिला कमांडो दस्ते की सहमति दी और इसकी पूरी योजना एडिशनल एसपी प्रशांत चौबे ने तैयार की। उल्लेखनीय है कि चौबे सामुदायिक पुलिसिंग में इस तरह के कई नए और सफल प्रयोग कर चुके हैं। यहां तक कि उन्होंने पुलिसिंग पर किताब भी लिखी और बुजुर्गों को मदद पहुंचाने के लिए भी इसी तरह की योजना को लागू किया। अब उनके द्वारा 40 महिला कमांडो का यह दस्ता तैयार किया जा रहा है। चौबे के मुताबिक यह कमाडो महिलाएं विशेष रूप से प्रशिक्षित की जा रही हैं, जो महिला अपराधों के खिलाफ जागरूकता लाने से लेकर घनी गरीब बस्तियों में होने वाले महिला अपराधों को नियंत्रित भी करेंगी। विभिन्न बस्तियों में महिलाओं-लड़कियों के बीच इन्हें भेजा जाएगा, जहां पर यह कम उम्र की लड़कियों को भी जागरूक करेंगी। गुड टच, बैड टच की जानकारी देने के साथ ही कम उम्र की लड़कियों की काउंसलिंग भी की जाएगी। पिछले दिनों कम उम्र की लड़कियों के घर से भागने से लेकर कई अन्य तरह की घटनाओं और असामाजिक तत्वों के चंगुल में फंसने के कई प्रकरण सामने आ चुके हैं। लिहाजा महिला कमांडो महिलाओं, कम उम्र की लड़कियों से संबंधित होने वाले अपराधों की जानकारी देकर जागरूक करेंगी और आवश्यक होने पर संदिग्ध गतिविधि नजर आने या उसकी जानकारी मिलने पर संबंधित थाने को अवगत कराएंगी। आवश्यकता पडऩे पर एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। चौबे का कहना है कि मेले, त्योहारों और मंदिरों में भी विशेष अवसरों पर इन महिला कमांडो को तैनात किया जाएगा। अभी अधिकांश गरीब और घनी बस्तियों में रहने वाली महिलाओं और कम उम्र की लड़कियों को कानूनी समझ भी नहीं है और वे अपने साथ होने वाली आपारधिक घटनाओं की रिपोर्ट भी नहीं कर पाती हैं।
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