नई दिल्ली । कोविड सीवियरिटी स्कोर (covid severity score) नामक एक सॉफ्टवेयर (Software) बनाया गया है जो ऐसे मरीजों की पहले से पहचान कर सकता है जिन्हें वेंटिलेटर (ventilator) या आपातकालीन सेवा और आईसीयू (ICU) की जरूरत पड़ सकती है। इस सॉफ्टवेयर (Software) में ऐसा एल्गोरिदम है जो कुछ मानकों को मापकर उन मरीजों की पहचान करता है। केंद्र सरकार ने शनिवार को इस बारे में जानकारी दी।
ऐसे मरीज जिन्हें आईसीयू (गहन चिकित्सा कक्ष) में वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है। इसकी मदद से समय पर चिकित्सा पहुंचाई जा सकती है और आपातकालीन स्थिति होने से पहले आवश्यक इंतजाम किये जा सकते हैं।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि इस सॉफ्टवेयर (Software) की सहायता से उन मरीजों को अस्पतालों द्वारा दिए गए रेफरल की संख्या घटाने में मदद मिल सकती है जिन्हें गंभीर देखभाल की जरूरत नहीं पड़ सकती। प्रायः देखा जाता है कि अस्पताल, ऐसे मरीजों को भी दूसरे अस्पतालों में रेफर कर देते हैं जिन्हें आईसीयू या वेंटिलेटर जैसी आवश्यकता नहीं होती। यह सॉफ्टवेयर ऐसे मरीजों की पहचान कर सकता है जिससे अन्य मरीजों को बिस्तर मिल सकते हैं।
यह सॉफ्टवेयर (Software) प्रत्येक मरीज की स्थिति को पहले से तय मानकों पर परखता है और कोविड (Covid) की गंभीरता का ‘स्कोर’ (सीएसएस) तय करता है। वक्तव्य में कहा गया,यह तकनीक कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों में तीन सामुदायिक कोविड केयर केंद्रों में प्रयोग में लाई जा रही है। इसमें कोलकाता के बैरकपुर में स्थित 100 बिस्तरों वाला सरकारी कोविड केंद्र शामिल है। आईआईटी गुवाहाटी, डॉ केविन धालीवाल, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय और डब्ल्यूएचओ में काम कर चुके डॉ सायंतन बंद्योपाध्याय ने संयुक्त रूप से सीएसएस विकिसित किया है।
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