नई दिल्ली। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) के संस्मरण (‘A Promised Land’) की आजकल भारत में बड़े जोर-शोर से चर्चा हो रही है। ये चर्चा उस वक्त शुरू हुई जब पिछले हफ्ते उनकी किताब में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पर की गई टिप्पणी सामने आई। अब राजनीति और विदेश नीति के जानकार उसकी व्याख्या और समीक्षा कर रहे हैं। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने ओबामा के संस्मरण ‘ए प्रॉमिस्ड लैंड’ की समीक्षा की है। इसमें पूर्व राष्ट्रपति ने दुनियाभर के राजनीतिक नेताओं के अलावा अन्य विषयों पर अपने अनुभव साझा किए हैं।
संस्मरण में सोनिया गांधी का जिक्र
संस्मरण में ओबामा ने राहुल की मां और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का भी जिक्र किया है। किताब के एक पेज में ओबामा लिखते हैं कि भारत की राजनीति अब भी जाति, धर्म और परिवारवाद के इर्द-गिर्द घूम रही है। हालांकि इस संदर्भ में ये कहा जा सकता है कि डॉ मनमोहन सिंह का पीएम के रूप में चुनाव इनसे इतर देश की प्रगति की दिशा में हुआ एक प्रयास था, लेकिन इसके साथ ये भी सच है कि वह अपनी लोकप्रियता की वजह से प्रधानमंत्री नहीं बने बल्कि उनको सानिया गांधी ने पीएम बनाया। इस बारे में एक से अधिक राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह का चुनाव काफी सोच समझ कर किया था, क्योंकि मनमोहन सिंह एक ऐसे बुजुर्ग सिख नेता थे जिनका कोई राष्ट्रीय राजनीतिक आधार नहीं था। ऐसे नेता से उन्हें अपने 40 वर्षीय बेटे राहुल के लिए कोई सियासी खतरा नहीं दिखा, क्योंकि तब वो उन्हें बड़ी भूमिका के लिए तैयार कर रहीं थीं।
इसी तरह राहुल गांधी के बारे में ओबामा का कहना है कि ‘उनमें एक ऐसे ‘घबराए हुए और अनगढ़’ छात्र के गुण हैं जिसने अपना पूरा पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है और वह अपने शिक्षक को प्रभावित करने की चाहत रखता है लेकिन उनमें विषय में महारत हासिल करने की योग्यता या फिर जूनून की कमी है।’
ओबामा का 768 पन्नों का यह संस्मरण आज 17 नवंबर को बाजार में आने वाला है। अमेरिका के पहले अफ्रीकी-अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने अपने कार्यकाल में दो बार 2010 और 2015 में भारत की यात्रा की थी।
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